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बारां अटरू से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है
बारां अटरू से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिए इस्तीफे में जालोर में अध्यापक द्वारा दलित छात्र की पिटाई से हुई मौत से खुद को आहत बताया है। जिस दलित और वंचित वर्ग के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में समानता का अधिकार का प्रावधान किया था आज उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।
पत्र में ऐसा लिखकर पानाचंद मेघवाल ने कांग्रेस सरकार को विवादो के घेरे में खड़ा किया है। पानाचंद ने दिए इस्तीफे में लिखा कि पार्टी की जिस विचार धारा के साथ जुट कर काम किया उसी से मेरे समाज के लोग दुखी और बेबस है। आजादी के 75 साल भी एक बच्चे को मटका छूने पर अध्यापक द्वारा पीट पीट कर मार दिया जाता है, तो कहीं घोड़ी चढ़ने पर दुत्कारा जाता है। न्याय के नाम पर फाइलों को इधर से उधर कर दिया जाता है और बाद में अंत में एफआर तक लगा दी जाती है।
पत्र में यह भी लिखा
पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में लिखा कि कई बार विधानसभा में मेरे द्वारा दलित और वंचित वर्ग के लिए सवाल उठाए गए लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। आज भी छुआछूत समाज में इस कदर हावी है कि दलित वर्ग को लगता है उसने इस समाज में पैदा होकर ही गलती कर दी है। अगर हम इतना सब देखने के बाद भी हमारे दलित और वंचित वर्ग के लिए कुछ नही कर पाते तो हमें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।
Rani Sahu
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