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जैसलमेर। पशुचिकित्सकों की ओर से नॉन प्रैक्टिस भत्ता और पशुचिकित्सा भर्ती को लेकर पशुचिकित्सा संघ ने कामधेनु बीमा योजना और गौपालन विभाग के कार्यों का पूर्ण बहिष्कार किया। इस दौरान एडीएम को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 6 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुलाबपुरा भीलवाड़ा से कामधेनु बीमा योजना का शुभारंभ किया गया था।
सरकार ने 750 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है और राज्य के 80 लाख पशुओं का मुफ्त बीमा कराने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार की ओर से महंगाई राहत शिविर में 1.10 करोड़ मुफ्त बीमा गारंटी कार्ड बांटे गए हैं, लेकिन इस योजना को लागू करने में रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले पशु चिकित्सा अधिकारियों ने पशु चिकित्सक संघ के संयुक्त आह्वान पर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. राजस्थान पशु चिकित्सा संघ ने पशु चिकित्सकों ने कामधेनु पशु बीमा योजना के साथ-साथ गौपालन विभाग के सभी कार्यों का प्रदेशभर में बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कामधेनु योजना के तहत पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने और पशु की मृत्यु होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य सक्षम पशु चिकित्सा अधिकारी को ही करना होता है।
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