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भारत सरकार द्वारा जारी गजट नोटीफिकेषन दिनांक 29.3.2023 मे प्रदत्त निर्देषांे की पालना में जिले में भू जल के व्यवसायिक उपयोग से पूर्व सक्षम अनुमति प्राप्त करना आवष्यक किया गया है। भूजल विभाग के प्रभारी भू जल वैज्ञानिक डाॅ. नारायण दास ईणखिया ने बताया कि राजपत्र के पैरा संख्या दो मे उपपैरा संख्या दो के अनुसार ऐसे परिसर जिनमंे स्विमिंग पूल है औेर जिनमें भू जल का उपयोग किया जा रहा है, उनको अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवष्यक है। इसके अलावा ऐसी परियोजनाएं जिनमें भूजल का उपयोग किया जा रहा है, उनको भी सक्षम अनुमति प्राप्त करनी होगी। उन्होंने बताया कि 100 घन मीटर से अधिक के भूजल उपयोग करने वाली संस्थाओं और परियोजनाओं को भू जल के उपयोग के साथ दो वर्ष में एक बार जल लेखा परीक्षा करवानी होगी। साथ ही पीजोमीटर का निर्माण व वर्षा जल के संरक्षण की व्यवस्था करनी होगी। राजपत्र के अनुसार ऐसे सभी स्टेडियम जिनमंे भू जल का उपयोग किया जा रहा है वे भी वर्षा जल से कृत्रिम पुनर्भरण का कार्य अनिवार्य रूप से करेंगे। नोटिफिकेषन में जारी निर्देष के अनुसार पानी की टेंकर के माध्यम से आपूर्ति भी इसी श्रैणी मंे आती है और जल आपूर्ति से पूर्व अनुमति आवष्यक है।
डाॅ. ईणखिया ने बताया कि राजपत्र में भू जल के अनाधिकृत उपयोग करने पर दण्ड का प्रावधान व पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। राजपत्र मे वर्णित निदेर्षो की जानकारी व उनकी पालना के लिए भू जल विभाग द्वारा संस्थानांे व टेंकर के माध्यम से जल आपूर्ति करने वाले नलकूप मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
Tara Tandi
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