राजस्थान

चातुर्मास का समय मानव के लिए आत्म सुधार और आध्यात्मिक विकास का समय: संत हरशुकराम रामस्नेही

Gulabi Jagat
6 July 2025 5:30 PM GMT
चातुर्मास का समय मानव के लिए आत्म सुधार और आध्यात्मिक विकास का समय: संत हरशुकराम रामस्नेही
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भीलवाडा। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा पीठ के संत हरशुकराम रामस्नेही (ताल वालों) ने राम द्वारा माणिक्य नगर भीलवाड़ा में आज चातुर्मास शुभारंभ पर प्रवचन माला का मंगलाचरण किया। इस अवसर पर रामसनेही भक्तजनों द्वारा राम द्वारा संत निवास से पुस्तक जी की शोभायात्रा निकाली गई जो बारादरी की परिक्रमा कर मंच पर विराजित कर चातुर्मास प्रवचन माला का श्री गणेश किया। आज की प्रवचन माला में सर्वप्रथम पधारे हुए सभी संत जनों का रामनिवास धाम ट्रस्ट, रामद्वारा सत्संगी जनों एवं भक्त जनों द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया गया। स्थानीय भंडारी संत खुशीराम के सानिध्य में संत जयराम दास ने सत्संग की शुरुआत की, उन्होंने सत्संग, सुमिरन, ओर राम नाम महत्व बताते हुए रामद्वारा धाम भीलवाड़ा पर प्रतिदिन होने वाले दैनिक कार्यक्रमों की जानकारी दी। चातुर्मास में प्रवचन एवं सत्संग का श्रवण कराने के लिए ताल रामद्वारा मध्य प्रदेश से आए रामस्नेही संप्रदाय के संत श्री हरशुक राम रामस्नेही ने कहा कि चातुर्मास का समय मानव जीवन के लिए साधना का समय है, इस दौरान भजन, सुमरण, सेवा और साधना का संकल्प लेकर संयमित जीवन जीने का पर्व है। महाप्रभु स्वामी श्री रामचरणजी महाराज ने अपने जीवन दर्शन मे कहा शरीर को नही तपाया जायेगा तब तक मन वश मे नही होगा मानव के लिए शारीरिक तपस्या जरूरी है। देवस्थान, तपोस्थली, रामद्वारा पर शारीरिक रूप से मानव पहुंच कर साधना,भजन,सुमिरन करे तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर मन को भटकने से रोक कर मोक्ष गामी बन सकता है। चातुर्मास के शुभारंभ मे संत एवं भक्त जनों द्वारा श्री महाराज एवं पुस्तक जी की पूजन अर्चन, आरती की गई। महिला मंडल ने स्वागत भजन गाया। रामद्वारा धाम भीलवाड़ा में प्रतिदिन चतुर्मासिक कार्यक्रम में प्रातः 5 से 6.00 बजे तक रामधनी, स्तुति, 8.00 से 9.00 तक वाणी जी पाठ, 9.00 बजे से 10.15 बजे तक प्रवचन एवं सत्संग भजन एवं संध्या समय पर संध्या आरती के नियमित कार्यक्रम होंगे।
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