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कोटा। एक साल से अधिक समय तक नाबालिग से कथित तौर पर दुष्कर्म करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपियों में से दो को बूंदी जिले में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि पीड़ित लड़की को आश्रय गृह भेज दिया गया है.
पुलिस के अनुसार, 13 वर्षीय पीड़िता अपनी मां और चार भाइयों के साथ रहती थी. लड़की की मां घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है और उसके पिता की कोविड-19 महामारी के दौरान मृत्यु हो गई थी. मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़की के एक रिश्तेदार ने 'चाइल्ड हेल्पलाइन' पर फोन कर उसकी पारिवारिक स्थिति के बारे में बताया और उसके भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की. स्वयंसेवकों ने नाबालिग को बचाया और 10 नवंबर को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया. लाखेरी पुलिस थाने के एसएचओ महेश कुमार ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों द्वारा की गई काउंसलिंग के दौरान, पीड़िता ने यौन शोषण की अपनी आपबीती सुनाई और आरोप लगाया कि उसके पड़ोस के पांच लोग पिछले एक साल से उसका शारीरिक शोषण और दुष्कर्म कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट पर, पुलिस ने बृहस्पतिवार को भारतीय दंड संहिता (IPC) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं के तहत पांच लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया और उसी दिन लड़की की चिकित्सा जांच कराई. एसएचओ ने कहा कि पीड़िता के बयान शनिवार को धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किए गए, जिसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान रघु पंडित (46) और हेमराज सोनी (46) के रूप में हुई है, जबकि मामले में तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच चल रही है.
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