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सिरोही। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में चल रहे राष्ट्रीय सम्मेलन में सोमवार को तीसरे दिन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर सामाजिक सेवाओं के विस्तार पर मंथन किया। हैदराबाद से आये आदिशंकर भक्त समाज के संस्थापक अध्यक्ष बी.पी.एस. शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति महान थी, महान है और महान रहेगी, क्योंकि इसी संस्कृति ने त्याग, बलिदान और तपस्या से विश्व में सर्वश्रेष्ठ समाज का निर्माण किया है। मानवीय संघर्ष के कारण श्रेष्ठ समाज के विकास में गिरावट आयी है। समाज के उत्थान के लिए सबसे पहले श्रेष्ठ संकल्पों के माध्यम से स्वयं का उत्थान करने की आवश्यकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में दूषित भावनाओं को मानसिक स्तर पर स्थान नहीं देना चाहिए।
संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला दीदी ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए मनुष्य के हृदय में परिवर्तन की आवश्यकता है, ताकि लोग आपसी वैमनस्य की भावना को भूलकर प्रेम और स्नेह के साथ मिलकर समाज का उत्थान करें। प्रगति पथ पर ले जाना होगा। मंडल अध्यक्ष राजयोगिनी संतोष बहन ने कहा कि प्राचीन विचारकों ने भारत की संस्कृति को विश्व में फैलाने का जो कार्य किया था, उस अवधारणा को फिर से प्रगतिशील बनाए रखने के लिए समाजसेवियों को आगे आना होगा। समर्पण की भावना की शिक्षा को जीवन में अपनाने से लोक कल्याण की भावना मजबूत होगी।
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Shantanu Roy
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