x
जयपुर (आईएएनएस)| चुनावों के दौरान चौंकाने के लिए जानी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से महज आठ महीने पहले राजस्थान में पार्टी अध्यक्ष बदलकर एक बार फिर चौंकाया है। तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके सतीश पूनिया की जगह चित्तौड़गढ़ से सांसद सी.पी. जोशी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि पार्टी के कई नेता ऐलान कर रहे थे कि पूनिया इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।
पार्टी पदाधिकारियों ने गुरुवार सुबह बदलाव की घोषणा की।
एबीवीपी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सी.पी. जोशी संघ के करीबी माने जाते हैं। सतीश पूनिया भी आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं।
जोशी की नियुक्ति के संबंध में पत्र भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जारी किया है।
सूत्रों ने बताया कि पूनिया को विपक्ष के नेता का पद मिल सकता है, जो गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद से खाली है।
सी.पी. जोशी दूसरी बार चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने इस सीट से पहले 2014 और फिर 2019 में चुनाव जीता था। 2014 के आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास को हराया था। जोशी भाजपा की युवा शाखा भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वह राजस्थान भाजपा के 15वें और ब्राह्मण समुदाय से 7वें प्रदेश अध्यक्ष होंगे। इससे पहले हरिशंकर भाभाड़ा, भंवरलाल शर्मा, ललित किशोर चतुर्वेदी, महेश चंद्र शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल और अरुण चतुर्वेदी ब्राह्मण अध्यक्ष रह चुके हैं।
सतीश पूनिया ने 15 सितंबर, 2019 को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था। पूनिया इस पद पर साढ़े तीन साल तक रहे। भाजपा कई बार प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नए चेहरों को मौका देकर चौंका चुकी है। चुनावी साल में अशोक परनामी की जगह भाजपा के शासन काल में मदन लाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। सैनी के निधन के बाद सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
पूनिया ने इस बीच सोशल मीडिया पर अपना बायोडाटा बदल लिया। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल्स पर अपने प्रोफाइल परिचय से 'भाजपा प्रदेश अध्यक्ष' लिखा हटा दिया है और खुद को आमेर के विधायक के रूप में पेश किया है।
कुछ दिनों पहले संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान सी.पी. जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शबरी और पीएम नरेंद्र मोदी को राम बताया था। जोशी ने पीएम के काम की तारीफ करते हुए कहा था, "त्रेता युग में माता शबरी श्रीराम के स्वागत के लिए आतुर थीं. आज बात करते हैं संयुक्त सत्र की। आज जब राष्ट्रपति संसद भवन में प्रवेश कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था, जैसे शबरी त्रेता युग में श्रीराम का स्वागत कर रही हों। अभी तो ऐसा लग रहा था, जैसे श्रीराम शबरी के स्वागत के लिए संसद के द्वार पर खड़े हों। एक नरेंद्र थे जिन्होंने कहा था, तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। एक नरेंद्र हैं, जो निरंतर आगे बढ़ने के सिद्धांत को अपनाकर देश की सेवा के लिए निकल पड़े हैं।"
--आईएएनएस
Tagsताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरहिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारदैनिक समाचारभारत समाचारखबरों का सिलसीलादेश-विदेश की खबरTaaza Samacharbreaking newspublic relationpublic relation newslatest newsnews webdesktoday's big newstoday's important newsHindi newsbig newscountry-world newstoday's newsNew newsdaily newsIndia newsseries of newsnews of country and abroad
Rani Sahu
Next Story