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जयपुर। दुनिया के टॉप 10 ग्लोबल ऑटोमोबाइल हब में शामिल भारत को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर(ई2डब्ल्यू) के महत्वपूर्ण पार्ट्स, मोटर निर्माण में भिवाड़ी मजबूती दे रहा है। पिछले एक साल में इस सेक्टर में बड़े परिवर्तन आए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है चीन पर ईवी पार्ट्स को लेकर निर्भरता का कम होना। भारत की परिस्थितियों के हिसाब से चीन में बनी मोटर यहां ज्यादा सफल नहीं रही तो देश की कंपनियों ने तकनीक को री-डीजाइन कर उसे भारत के अनुकूल बनाया। साथ ही उत्पादन क्षमता को भी बाजार की मांग के हिसाब से सशक्त किया। जिसका नतीजा सामने है। एक साल पहले जहां देश में डिमांड का सिर्फ 25-30 फीसदी मोटर निर्माण हो पा रहा था, वहीं अब डिमांड का करीब 80 फीसदी उत्पादन ही भारत में ही रहा है, शेष 20 फीसदी आपूर्ति चीन पर निर्भर है।
इसमें भी देश में सर्वाधिक 60 फीसदी से अधिक मोटर हर माह भिवाड़ी में बन रही हैं। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में सबसे महत्वपूर्ण पार्ट्स हब मोटर निर्माण में भिवाड़ी एक साल के अंदर अपना उत्पादन चार गुना बढ़ा चुका है। एक साल पहले जहां भिवाड़ी में सिर्फ 10 हजार हब मोटर का निर्माण हर माह हो रहा था, वहीं अब यह आंकड़ा 45 हजार मोटर प्रतिमाह पर पहुंच चुका है। दावा है कि आने वाले तीन माह में उत्पादन 60 हजार तक पहुंच जाएगा। देश में अगस्त की तुलना में सितंबर में इलेक्ट्रिक दोपहिया पंजीकरण में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर 2023 में कुल इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पंजीकरण 63,716 यूनिट था। जबकि अगस्त में 62,690 यूनिट, जुलाई में 54,570 यूनिट और जून में 46,057 यूनिट था। आने वाले फेस्टिव सीजन में इसमें और सुधार की गुंजाइश मानी जा रही है।
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