राजस्थान

10 डिब्बों से की थी मधुमक्खी पालन की शुरुआत

Admin4
24 March 2023 7:10 AM GMT
10 डिब्बों से की थी मधुमक्खी पालन की शुरुआत
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उदयपुर। कहा जाता है कि मेहनत से किस्मत बदली जा सकती है, ऐसे ही कुछ संघर्ष की कहानी उदयपुर शहर के भदेसर गांव निवासी मोहन खटीक की भी है। मधुमन के नाम से मशहूर मोहन खटीक न सिर्फ अपने लिए बल्कि अब दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहे हैं। मधुमक्खी के 10 बक्सों से शुरू हुआ यह सफर अब करीब 125 मधुमक्खी बक्सों तक पहुंच गया है। साथ ही गांव के अन्य ग्रामीणों को भी इस रोजगार से जोड़ रहे हैं।
मोहन खटीक ने बताया कि वह गुजरात में हीरा पिसाई का काम करता था। जिससे उन्हें लगभग ₹3 से ₹4000 प्रति माह मिलते थे। लेकिन अपने गांव लौटने के बाद 10 साल पहले एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने अपने खेतों में मधुमक्खी पालन शुरू किया। इसके बाद यह सफर बढ़ता ही गया और मधुमक्खी पालन से सालाना करीब ₹7 से 8 लाख की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। इतना ही नहीं मोहन अब अपने गांव के अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार के साधन उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे गांव वालों का कहना है कि मोहन हमारे गांव का हीरा है।
मधुमन मोहन लाल खटीक ने बताया कि उन्होंने अपने खेत के किसी हिस्से में 10 बक्सों से मधुमक्खी पालन शुरू किया। अब यह संख्या बढ़कर करीब 125 हो गई है। वह इनका शहद अपने खेत में मंगवाते हैं। जो बाजार में जय भेरूनाथ शहद के नाम से बिकता है। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी इनके शहद की मांग बढ़ी है।
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