राजस्थान

अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हो सकते हैं बाहर

Rani Sahu
26 Sep 2022 3:29 PM GMT
अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हो सकते हैं बाहर
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नई दिल्ली. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर बड़ी खबर है. इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जबरदस्त झटका लगा है. वह इस पद की दौड़ से बाहर हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में नहीं देखना चाहते. कांग्रेस के पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने अनुशंसा की है कि अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष न बनाया जाए. जानकारी के मुताबिक, दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने कुछ विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है.
दोनों नेता रविवार को जयपुर में हुए घटनाक्रम के हर पल को अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा है कि विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों का नहीं आना अनुशासनहीनता है. इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली. ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है. हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष से सीएलपी की बैठक बुलाने के निर्देश मिलने और सीएम अशोक गहलोत से संपर्क साधकर बैठक के लिए समय और जगह निर्धारित की गई थी
खड़गे ने गहलोत से कही ये बात
रविवार देर रात तक चले हंगामे के बाद दूसरे दिन सोमवार दोपहर को कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और सीएम अशोक गहलोत की होटल में मुलाकात हुई. यहां खड़गे ने गहलोत के सामने पार्टी में अनुशासन की जरूरत पर जोर दिया. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के साथ-साथ एकजुटता और अनुशासन बेहद जरूरी है. वहीं राजस्थान के राजनीतिक संकट में मध्यस्थता करने के लिये मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की भी एंट्री हो सकती है. कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें राजस्थान के राजनीतिक संकट के मद्देनजर तत्काल दिल्ली पहुंचने को कहा है.
विधायकों की यह है शर्तें
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गहलोत से समय और जगह तय करने के बाद ही दिल्ली से प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर के लिए रवाना हुए. बाद में बैठक में आने से गहलोत गुट के विधायक मुकर गए. इन विधायकों ने तीन शर्तें रखी. पहली- सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने. दूसरी- सीएम तब घोषित हो जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. तीसरी- जो भी नया मुख्यमंत्री हो वो गहलोत की पसंद का ही हो.
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