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कोटा। कोटा हाड़ौती के 97.6 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 की एंटीबॉडीज विकसित पाई गई है। इसका खुलासा कोटा मेडिकल कॉलेज कोटा के चिकित्सकों की ओर से किए गए शोध में सामने आया है। यह शोध यूनाइटेड किंगडम के एक अन्तरराष्ट्रीय जर्नल यूरोपियन जर्नल ऑफ कार्डियो वैस्कुलर मेडिसिन ने अपने अंक में प्रकाशित किया है। मेडिकल कॉलेज के इम्यूनो-हिमेटोलॉजी एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन ब्लड बैंक विभाग की टीम ने भारत में आई तीसरी लहर के दौरान संभाग के 1320 स्वस्थ रक्तदाताओं पर यह शोध किया था। कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के दौरान स्वस्थ रक्तदाताओं में एंटी सास-कॉव-2 आईजीजी एंटीबॉडीज विकसित होने पर उम्र,एवं ब्लड ग्रुप के प्रभाव विषयक अति महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. हरगोविंद मीणा के मार्गदर्शन में किया गया।
शोध पत्र का निष्कर्ष यह है कि कोटा संभाग के 97.6 प्रतिशत रक्तदाताओं में एंटी सास-कॉर्व-2 आईजीजी एंटीबॉडीज विकसित पाई गई। जिस पर उनकी उम्र, व ब्लड ग्रुप का कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पाया गया, अर्थात् सभी तरह के अलग-अलग उम्र, एवं ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोविड-19 बीमारी के खिलाफ समान रूप से एंटीबॉडीज का विकसित होना पाया गया। इस शोध पत्र में डॉ. शैलेन्द्र वशिष्ठ, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. जसजीत शर्मा, डॉ. सुधीर मिश्रा, डॉ. जयप्रकाश गुप्ता व भारत अरोड़ा का सहयोग रहा।
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