राजस्थान

नये कृषि कानूनों को 'कानून विरोधी' करार देने के बाद सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंपा ज्ञापन

Kunti Dhruw
28 Sep 2020 1:38 PM GMT
नये कृषि कानूनों को कानून विरोधी करार देने के बाद सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंपा ज्ञापन
x
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नये कृषि कानूनों को 'शर्मनाक' और 'कानून विरोधी' करार देने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजभवन पहुंचे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नये कृषि कानूनों को 'शर्मनाक' और 'कानून विरोधी' करार देने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजभवन पहुंचे। यहां राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर उन्होंने नये कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और संशोधिन को लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर गहलोत साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।

इससे पहले शुक्रवार को जयपुर में कृषि विधेयक को लेकर पीसीसी मुख्यालय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत, एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला समेत कांग्रेस कई वरिष्ठ नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला था। कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस की ओर से यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयकों को देश के किसान और खेत खलिहान के खिलाफ घिनौना षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि वह इनके खिलाफ भारत बंद में देश के अन्नदाता के साथ अडिग खड़ी है।

कानून का बताया किसान विरोधी

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में मोदी सरकार के कृषि संबंधी विधेयकों को काला कानून करार दिया। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसानों की स्थित इन बिलों से खराब हो जायेगी। नये कानून को किसान विरोधी बताया। सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार ने तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत मजदूर और आजीविका पर क्रूर तथा कुत्सित हमला बोला है।'

मुख्यमंत्री ने बताया 'शर्मनाक'

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'इन फासीवादी लोगों का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है इसलिए वे ऐसे काम करते रहते हैं जिनसे लोगों का ध्यान बंटे।' उन्होंने कहा संसद में जिस तरह से इन तीन विधायकों को पारित किया गया वह 'शर्मनाक' है।

Next Story