राजस्थान

आखिर वसुंधरा राजे को क्यों भाव नहीं दे रही बीजेपी

Manish Sahu
17 Aug 2023 5:47 PM GMT
आखिर वसुंधरा राजे को क्यों भाव नहीं दे रही बीजेपी
x
राजस्थान: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी ने कमर कस ली है. इस बीच पार्टी ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को यहां दो महत्‍वपूर्ण समितियों, चुनाव प्रबंधन समिति व संकल्प (घोषणा) पत्र समिति के गठन की घोषणा की. इन दोनों ही समितियों में पूर्व मुख्‍यमंत्री व पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का नाम नजर नहीं आ रहा है. जब इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी वरिष्ठ नेता हैं...हमने उन्हें कई कार्यक्रमों में शामिल किया है और भविष्य में भी उन्हें हम शामिल करते रहेंगे.
वहीं वसुंधरा राजे की भूमिका के बारे में पूछे गए प्रश्न को प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने यह कहते हुए टाल दिया कि 'बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे.' पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी व प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने यह घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के निर्देशानुसार इन समितियों की घोषणा की गई है और उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले चुनाव में दोनों समितियों के अनुभव का लाभ प्रदेश को मिलेगा. इसके तहत घोषणा पत्र समिति की कमान केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को जबकि चुनाव प्रबंधन समिति की कमान पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को दी गई है.
पिछले महीने बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ हुई बैठक के बाद वसुंधरा राजे के अचानक दिल्ली दौरे के बाद से ही राजनीतिक अटकलों का दौर जारी है. बीएल संतोष ने राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी. इस बैठक में वसुंधरा राजे भी नजर आयीं थीं. बीएल संतोष के साथ हुई इस बैठक के बाद वसुंधरा राजे का अचानक दिल्ली दौरा हुआ जिसके बाद कई तरह के कयास लगाये जाने लगे. वसुंधरा राजे ने राजधानी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. सूत्रों के हवाले से जो मीडिया में खबर चल रही थी उसके अनुसार, वसुंधरा राजे ने चुनाव में अपनी भूमिका स्पष्ट करने का आग्रह बीजेपी के शीर्ष नेताओं से किया है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के निशाने पर वसुंधरा राजे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं. इसके बाद बीजेपी प्रदेश में खासा ध्यान दे रही है. भाजपा ने पिछले दिनों केंद्रीय कोयला मंत्री ने प्रह्लाद जोशी को राजस्थान का जिम्मा सौंपा है जिसके बाद वे प्रदेश पर पैनी नजर बनाये हुए हैं. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के महज कुछ महीने ही रह गये हैं. कांग्रेस जहां प्रदेश में दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं बीजेपी ने भी अपने चुनावी प्लान को और मजबूत किया है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच हुई सुलह से वसुंधरा राजे की मुश्किलें बढ़ने के कयास लगाये जा रहे हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पार्टी की 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल होंगे. इस 25 सदस्यीय समिति में राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी व किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी तथा राखी राठौड़ को सह संयोजक बनाया गया है. वहीं प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को बनाया गया है. इस समिति में 25 सदस्य हैं. इसमें पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व सूचना आयुक्त सीएम मीणा सह संयोजक व कन्हैया लाल बैरवाल सह संयोजक होंगे.
Next Story