राजस्थान
5 वृहद पेयजल परियोजनाओं के खर्च में राज्यांश 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार खर्च करेगी शेष 40 फीसदी
Tara Tandi
6 Jun 2023 12:00 PM GMT
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जल जीवन मिशन के तहत हाल ही में स्वीकृत 22 हजार 854 करोड़ रूपए की पांच वृहद् पेयजल परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली राशि करीब 60 प्रतिशत होगी। शेष 40 फीसदी पैसा केन्द्र सरकार द्वारा खर्च किया जाएगा। कुल स्वीकृत राशि 22,854 करोड़ में से 14 हजार 778 करोड़ रूपए राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे जबकि 8 हजार 76 करोड़ रूपए केन्द्र खर्च करेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जल जीवन मिशन के कनेक्शन में सामुदायिक सहयोग की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार की इस घोषणा से ग्रामीण परिवारों को जल कनेक्शन के लिए कम्यूनिटी कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं देना पडेगा।
7934 करोड़ की सीकर-झुंझुनूं परियोजना में राज्यांश होगा 5610 करोड़
अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना आधारित सीकर-झुंझुनूं परियोजना के लिए स्वीकृत कुल राशि 7 हजार 934 करोड़ रूपए में से राज्य सरकार की हिस्सा राशि 5610 करोड़ 41 लाख रूपए (71 प्रतिशत) एवं केन्द्र की हिस्सा राशि 2323 करोड़ 86 लाख (29 प्रतिशत) होगी। परियोजना के तहत सीकर जिले की धोंद, सीकर, खण्डेला, दातारामगढ़, श्रीमाधोपुर एवं नीम का थाना के शेष रहे 864 गांव एवं 13 कस्बे तथा झुंझुनूं जिले की चिड़ावा, नवलगढ़ तहसीलों के 269 गांवों एवं 5 कस्बों 3 लाख 44 हजार 120 घरों में हर घर जल कनेक्शन दिए जाएंगे।
5783 करोड़ की चम्बल-अलवर-भरतपुर परियोजना में राज्यांश 3531.68 करोड़
सतही जल आधारित 5 हजार 783 करोड़ रूपए की चम्बल-अलवर-भरतपुर पेयजल परियोजना में राज्य सरकार की हिस्सा राशि 3531 करोड़ 689 लाख (61 प्रतिशत) जबकि केन्द्रांश 2251 करोड़ 34 लाख रूपए (39 प्रतिशत) होगा। । इस परियोजना से अलवर जिले के बहरोड, किशनगढबास, कोटकासिम, मुंडावर, नीमराना, रामगढ़ एवं तिजारा ब्लॉक के 882 गांव तथा भरतपुर जिले की वैर, भुसावर, नदबई एवं बयाना ब्लॉक के 335 गांवों में 3 लाख 96 हजार 223 घरों में जल कनेक्शन होंगे। इस परियोजना से केवलादेव नेशनल पार्क एवं दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर को भी पानी दिया जाना प्रस्तावित है।
चम्बल-सवाई माधोपुर-नादोती पेयजल परियोजना में राज्यांश 3055.62 करोड़
चम्बल नदी के पानी पर आधारित 4 हजार 623 करोड़ 67 लाख रूपए की चम्बल-करौली-सवाई माधोपुर वृहद परियोजना में राज्य सरकार की हिस्सा राशि 3055 करोड़ 62 लाख रूपए होगी जो कि कुल स्वीकृत राशि का 66 प्रतिशत है। शेष राशि केन्द्र सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से करौली जिले के टोडाभीम, नादौती, हिण्डौन सिटी, करौली, मासलपुर, मंडरायल एवं सपोटरा ब्लॉक के 847 गांव तथा सवाई माधोपुर जिले के वजीरपुर, गंगापुर, बामनवास, सवाई माधोपुर, खण्डार एवं चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक के 579 गांवों में 4 लाख 37 हजार 279 जल कनेक्शन दिए जाएंगे।
3693.17 करोड़ की जाखम आधारित परियोजना में राज्यांश 57 प्रतिशत
जाखम बांध आधारित 3 हजार 693 करोड़ 17 लाख रूपए की वृहद परियोजना में राज्य सरकार की हिस्सा राशि 2117.21 करोड़ (57 प्रतिशत) होगी जबकि केन्द्रांश 1575.96 करोड़ (43 प्रतिशत) होगा। इस परियोजना के माध्यम से चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ी सादड़ी, भदेसर, भोपालगढ़, डुंगला, कपासन, निम्बाहेड़ा एवं राशमि के 707, उदयपुर जिले की भींडर, वल्लभनगर एवं मावली तहसील के 375, राजसमंद के रेलमगरा, राजसमंद, आमेट एवं कुम्भलगढ़ ब्लॉक के 302 गांवों वं प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी ब्लॉक के 93 गांवों में 2 लाख 11 हजार 926 घरों में जल कनेक्शन दिए जाएंगे।
820.85 करोड़ रूपए की कालीतीर पेयजल परियोजना में राज्यांश
820.85 करोड़ रूपए की कालीतीर वृहद पेयजल परियोजना में राज्य सरकार द्वारा 463.01 करोड़ (56 प्रतिशत) रूपए खर्च किए जाएंगे जबकि परियोजना में केन्द्र सरकार की हिस्सा राशि 357.84 करोड़ (44 प्रतिशत) होगी। इस परियोजना से धौलपुर जिले के बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, सरमथुरा एवं सैपऊ ब्लॉक के 376 तथा भरतपुर जिले के बयाना ब्लॉक के 94 गांवों में कुल 1 लाख 21 हजार 598 जल कनेक्शन दिए जाएंगे।
इन पांच परियोजनाओं से प्रदेश के 11 जिलों के 5739 गांवों के 15 लाख से अधिक घरों में हर घर जल कनेक्शन दिए जाएंगे।
बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति के साथ ही गर्मियों में पेयजल प्रबंधन की भी समीक्षा की गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव को अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रेल से 31 मई 2023 तक 5373 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए। इनमें से 4796 जल संबंध विच्छेद किए गए जबकि 573 को नियमित किया गया। इस दौरान 894 अवैध बूस्टर जब्त किए गए। बैठक में टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन, कंटीन्जेंसी कार्यों एवं लम्बित विद्युत कनेक्शन की भी समीक्षा की गई।
Tara Tandi
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