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धौलपुर: जिला एवं सेशन न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने 2 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7-7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. पीपी सुजीत लहचोरिया ने बताया कि घटना वर्ष 2007 की है.
मामला यूं है कि तत्कालीन समय कोतवाली थाना धौलपुर (Dholpur) में तैनात थानेदार शौकत अली के बेटे इमरान ने बताया कि वह शटल गाड़ी से आगरा से धौलपुर आ रहा था जैसे ही वह धौलपुर स्टेशन पर आया और वहां से धौलपुर अपने पिता के पास पैदल-पैदल जा रहा था तभी उसे पीछे से आवाज आई इमरान ठहरो, उसने पीछे मुड़कर देखा तो पीछे उसका ससुर लतीफ और लतीफ का भांजा मुन्ना उर्फ यासीन निवासी बाराबंकी दिखे.
आरोपियों को 7-7 साल के कारावास की सजा:
मुन्ना ने अपनी आंट से कट्टा निकाला और लतीफ को दिया. तभी पीड़ित अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागा. इस पर लतीफ ने जान से मारने के लिए कट्टे से गोली मारी जो उसके पैर में लगी. जिस पर पीछे से रिक्शे से आ रहे अरुण कुमार ने उसे हॉस्पिटल पहुँचाया. इस मामले में आज जिला जज रीटा तेजपाल (Dholpur Judge Rita Tejpal) ने फैसला सुनाते हुए मुलजिम लतीफ और लतीफ के भांजे मुन्ना उर्फ यासीन निवासी बाराबंकी को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5-5 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. इस केस में सरकार की ओर से पैरवी सुजीत लहचोरिया लोक अभियोजक और राजकीय अधिवक्ता ने की.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews
Admin4
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