राजस्थान

लंपी स्किन डिसीज से 340 गायों की मौत, गोशाला के कर्मचारियों ने छोड़ा काम

Kajal Dubey
29 July 2022 6:29 PM GMT
लंपी स्किन डिसीज से 340 गायों की मौत, गोशाला के कर्मचारियों ने छोड़ा काम
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राजस्थान में लंपी स्किन वायरस गोवंश में तेजी से फैल रही है। गोशालाओं में रहने वाले गोवंश में इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है। दस दिन में यह बीमारी प्रदेश के कई जिलों में फैल चुकी है। खतरनाक बीमारी से अब तक करीब 340 गायों की मौत हो चुकी है, जबकि 1440 गाय इस संक्रमण की चपेट में आ चुकी हैं।
एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रदेश के जालोर जिले में देखने को मिल रहा है। पथमेड़ा गोदाम आनंद वन की छह गोशालाओं में रहने वाली करीब 340 गायों की लंपी स्किन बीमारी से 10 दिन में मौत हो चुकी है। 1440 गाय संक्रमण की चपेट में हैं। इसके अलावा
पालड़ी गांव में स्थित श्री ठाकुर गौ सेवाश्रम गोशाला के 750 से ज्यादा गोवंश इस बीमारी से ग्रसित हैं। वहीं करीब 150 गायों की जान भी जा चुकी है। हालात यह है कि संक्रमण के डर से यहां काम करने वाले 24 लोगों ने आना बंद कर दिया है।
श्री ठाकुर गो सेवा आश्रम गोशाला में आसपास के क्षेत्रों से बीमारी से ग्रसित 20 से अधिक गोवंश को हर दिन लाया जा रहा है। इस गोशाला में गांव के 100 से ज्यादा युवा उनकी सेवा में लगे हैं। इस गोशाला में अभी पांच हजार से ज्यादा गोवंश है। इसमें से 700 गाय बीमारी की चपेट में आ गईं हैं। बड़ी संख्या में गायों की मौत के बाद सांचौर पंचायत समिति के विकास अधिकारी तुलसा राम मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों की टीम को गोवंश के इलाज के लिए लगाया।
संक्रमण का कोई टीका नहीं
हैरानी की बात तो यह है कि इतनी गायों की मौत के बाद भी पशुपालन विभाग ने गोवंश के इलाज के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि इसका कोई टीका नहीं है। उधर, गोशाला संचालक देशी तरीके से संक्रमित गोवंश का इलाज कर रहे हैं। संक्रमण की चपेट में आए गोवंश को अलग रखकर इलाज किया जा रहा है। स्थानीय लोग धूप और नीम के पत्तों का रस देकर उनका उपचार कर रहे हैं।
यह हैं बीमार के लक्षण
पशु चिकित्सक के अनुसार लंपी स्किन डिसीज का सबसे ज्यादा असर दुधारू पशुओं पर दिख रहा है। यह डिसीज होने पर पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं। उन्हें तेज बुखार आता है, साथ ही सिर और गर्दन में तेज दर्द होता है। डिसीज के चपेट में आने से पशुओं के दूध देने की क्षमता भी घट जाती है।
बचाव के लिए बरतें यह सावधानियां
डॉक्टरों ने अनुसार लंपी स्किन डिसीज मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है। दूषित पानी और चारे के कारण पशुओं को यह संक्रमण अपनी चपेट में लेता है। अगर किसी पशु में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो अन्य गाय-भैंसों से अलग कर दें। किसी अन्य पशु को उनका झूठा पानी या चारा न खिलाएं। साथ ही पशु रखने वाले स्थान पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें।
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