राजस्थान

राजस्थान के माइंस क्षेत्र में 173 निवेशकों द्वारा 3057 करोड़ का निवेश

Admin4
22 Sep 2022 9:00 AM GMT
राजस्थान के माइंस क्षेत्र में 173 निवेशकों द्वारा 3057 करोड़ का निवेश
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जयपुर: राज्य में इंवेस्ट राजस्थान समिट के तहत खनन क्षेत्र से संबंधित निवेशकों से किए गए एमओयू/एलओआई धरातल पर उतरने लगे हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेष में माइंस से जुड़े 173 एमओयू/एलओआई में 3057 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है. करीब 2 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है. वहीं हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार की राह खुल गई है.
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल सचिवालय में इंवेस्ट समिट में माइंस क्षेत्र के हस्ताक्षरित एमओयू/एलओआई की प्रगति समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने जिला स्तर तक के अधिकारियोें को निर्देश दिए कि इंवेस्ट राजस्थान समिट के तहत हस्ताक्षरित एमओयू/एलओआई की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और निवेषकों से समन्वय बनाते हुए उन्हें आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए ताकि विभाग से संबंधित एमओयू एलओआई तेजी से धरातल पर आ सकें.
- 50 करोड़ से अधिक के 9 निवेशकों द्वारा 2789 करोड़ का निवेश
- 50 करोड़ से कम के 164 निवेशकों द्वारा 268 करोड़ का निवेष
- निवेशकों से निरंतर समन्वय और सहयोग से धरातल पर उतरने लगे हैं एमओआई/एलओआई
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इंवेस्ट समिट के तहत हस्ताक्षरित एमओयू/एलओआई में 50 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव की समीक्षा और मॉनिटरिंग उद्योग विभाग और बीआईपी द्वारा किया जा रहा हैं. वहीं 50 करोड़ से कम के निवेशकों से मांइस विभाग द्वारा मोनेटरिंग और समन्वय स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नियमित समन्वय और मॉनिटरिंग का परिणाम है कि कम समय में ही राज्य में माइनिंग क्षेत्र में 50 करोड़ रुपए से अधिक के निवेशकों में से 9 निवेशकों द्वारा 2789 करोड़ 80 लाख रुपए का निवेश किया जा चुका है.
164 निवेशकों द्वारा 267 करोड़ 99 लाख रुपए का निवेश:
वहीं 50 करोड़ रुपए से कम के निवेशकों में से 164 निवेशकों द्वारा 267 करोड़ 99 लाख रुपए का निवेश किया जा चुका है. एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस क्षेत्र में निवेशकों द्वारा खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना, खनन गतिविधियों में तेजी लाने, खनन क्षमता बढ़ाने और इससे जुड़ी गतिविधि क्षेत्र में निवेश के लिए एमओयू/एलओआई किए गए हैं. निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि माइंस विभाग के मुख्यालय से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों को उनके क्षेत्र के निवेशकों से समन्वय बनाया जा रहा है और उसी का परिणाम है कि माइंस से जुड़े निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने लगे हैं.

न्यूज़क्रेडिट: firstindianews

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