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पंजाब : जिला गुरदासपुर के गांव वजीरपुर निवासी 23 वर्षीय सैनिक की डयूटी दौरान भेदभरे हालात मे गोली लगने से मौत हो गई। यहां एक तरफ सैनिक जवान अमरपाल के अभिभाविकों को रो-रो कर बुरा हाल है,वही परिवार वालों ने आरोप लगाया की भारतीय सैना के अधिकारियों द्वारा उनके बेटे की शहादत की बेकदरी की गई है तथा शव को एक सैनिक लिफाफे मे लपेट कर शव के साथ आए सैनिकों द्वारा गांव के बाहर ही गाड़ी से उतार कर चले गए। इस संबंधी परिवार के मैंबरों ने शव के साथ जिलाधीश कार्यालय समक्ष धरना दिया तथा आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत का अपमान हुआ है।
मौके पर जाकर इकट्ठी की गई जानकारी के अनुसार जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरना देने वाले परिवारिक मैंबरों सहित किसान संगठनों व पूर्व सैनिकों के संगठन ने मांग की है कि उनके बेटे की यूनिट मे हुई मौत की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। क्योंकिे सैनिक अमरपाल सिंह किसी भी हालत मे आत्महत्या नही कर सकता है। उसके दिमाग पर किसी तरह का तनाव नही था और अमरपाल की मौत संबंधी सैना का अंदूरूनी मामला लगता है। मृत्क सैनिक के परिवार वालों तथा गांव निवासियों ने मांग की है कि उनके बेटे अमरपाल ने लगभग अढ़ाई वर्ष सैना मे रह कर देश की सेवा की है तथा उसे बनता सैनिक सम्मान दिया जाए,नही तो उसका अंतिम संस्कार नही किया जाएगा और शव के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को घेराव किया जाएगा।
मृत्क सैनिक के माता पिता ने बताया की गत शाम लगभग 4-30 बजे अमरपाल से उनही मोबाईल पर बात हुई थी और तब वह बिल्कु़ल ठीक ठाक था। सुबह गांव के सरपंच को सूचना दी गई की अमरपाल ने गोली मार कर आत्महत्या कर ली है। जबकि उसकी यूनिट के किसी भी अधिकारी ने अमरपाल की मौत संबंधी सूचित नही किया। बाद मे हमारे द्वारा यूनिट से पूछताश करने पर अधिकारियो ने बताया कि अमरपाल गत रात डयूटी पर था और सुबह लगभग 5 बजे उसने अपनी राईफल से अपने कमरे मे जाकर अपने आपको गोली मार ली। परिवारिक मैंबरों ने कहा कि एैसा कौई कारण नही था कि अमरपाल आत्महत्या कर लेता। इस संबंधी उच्च स्तर पर जांच होनी जरूरी है। परिवारिक मैंबरों के अनुसार दोपहर बाद अमरपाल का शव अमृतसर हवाई अडडे पर पंहुचा तथा शाम को सैनिक गाड़ी पर अमरपाल का शव गांव लाया गया। पंरतु शव के साथ आए सैनिकों ने उसके शव का बक्सा गांव के बाहर ही उतार दिया तथा वापिस चले गए। शव को लिफाफे मे बहुत बुरी तरह से लपेटा हुआ था। जिलाधीश कार्यालय के बाहर अमरपाल का शव रख कर धरना देने वालों ने स्पष्ट किया कि जब तब अमरपाल को बनता सैनिक सम्मान नही मिलता तब तक उसका अंतिम संस्कार नही किया।इस घटना की जानकारी मिलने पर दीनानगर के एस.डी.एम.विक्रमजीत गुरदासपुर पंहुचे तथा उन्होने धरना देने वालों से बातचीत शुरू की,पंरतु उन्हे समस्या का समाधान करने मे सफलता नही मिली। इस घटना की सूचना मिलने पर किसान संगठन व पूर्व सैनिक संगठन कार्यकर्ता भी जिलाधीश कार्यालय पंहुच गए। जब बात न बनी तो तिबड़ी छावनी से कर्नल परमिन्द्र ङ्क्षसह भी मौके पर पंहुचे तथा मृत्क सैनिक अमरपाल क परिवार वालों से बातचीत शुरू की गई है।
न्यूज़क्रेडिट: punjabkesari
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