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पंजाब। पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला अभी भी जारी है। यह सिलसिला सरकार की नाकामी या किसानों की लापरवाही और जल्दबाजी के कारण नहीं थम रहा या कोई और बात है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन पराली जलने से वातावरण में प्रदूषण फैल रहा है। मालवा क्षेत्रों का हाल पूरे पंजाब में सबसे बुरा है। दिन के समय भी कुछ इलाकों में धुएं की चादर फैल गई है। जानकारी के अनुसार शनिवार को राज्य में पराली जलाने के 2,817 मामले सामने आए। इन मामलों के साथ पंजाब का आंकड़ा 28,792 तक पहुंच गया है जबकि पिछले साल 5 नवंबर तक 29,400 जगहों पर पराली जली थी।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में लगभग 85% तक खेतों में धान की कटाई हो चुकी है। अगर पिछले सालों के आंकड़ों को देखा जाए तो 3 नवंबर से लेकर 10 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में सबसे ज्यादा उछाल आता है। उन्होंने बताया कि इस समय पराली जलाने के मामले पीक पर पहुंच चुके हैं और अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मामलों में वृद्धि हो सकती है। इतना ही नहीं यह सिलसिला 10 नवंबर तक जारी रहने की भी संभावना है। पंजाब के कई जिलों संगरूर, फिरोजपुर, पटियाला, बठिंडा, तरनतारन और बरनाला में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। शनिवार को बठिंडा में ए.क्यू.आई. 306, अमृतसर में 245, जालंधर में 161, पटियाला में 74, लुधियाना में 241 मापा गया।
Admin4
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