जातीय हिंसा में झुलस रहे मणिपुर राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना को लेकर पंजाब में भी आक्रोश है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के अलावा शिअद और कांग्रेस ने भी इस घटना की कड़ी भर्त्सना की और केंद्र की भाजपा सरकार पर कड़े प्रहार किए। पंजाब आप ने कहा कि भाजपा महिलाओं की सुरक्षा के बजाय नौ साल से केवल यह तय करती रही है कि महिलाओं को कैसे और किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुए भयानक, बेशर्म और क्रूर अपराधों से स्तब्ध हूं। वहीं सीनियर अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मणिपुर आक्रोश देश के माथे पर कलंक है।
पंजाब आप मुख्यालय पर गुरुवार को बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक सरबजीत कौर माणुके ने केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि मणिपुर की वीडियो देखने के बाद देशभर की महिलाएं डरी और सहमी हैं। भाजपा सरकार में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। माणुके के साथ चेयरमैन प्रभजोत कौर और आप नेता अनु बब्बर भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अब बृजभूषण जनता पार्टी बन चुकी है।
भाजपा सरकार में आज यौन उत्पीडन के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह जैसे लोग बैठे हैं। इस पार्टी ने बिल्किस बानो के अपराधियों को छुड़ाया। उसने हाथरस में हुए दुराचार के दोषियों को बचाया। भाजपा के आईटी सेल के लोग सोशल मीडिया पर महिलाओं को भद्दी गालियां देते हैं। माणुके ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था पिछले दो महीने से ध्वस्त है लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री को इतने दिनों से पता नहीं था कि मणिपुर में क्या चल रहा है? उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था संभालने के नाम पर वहां पिछले दो महीने से सरकार ने इंटरनेट बंद कर रखा है। दरअसल, इंटरनेट को सच्चाई दबाने के लिए बंद किया गया है।
हृदयविदारक घटना... देश की अंतरात्मा पर कलंकः भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मणिपुर की जघन्य घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और अमानवीय अपराध को करने वालों को अनुकरणीय सजा देने की मांग की। मान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि असहाय महिलाएं मानवता के खिलाफ इस जघन्य अपराध का शिकार हुईं। मान ने कहा कि यह बर्बर घटना देश की अंतरात्मा पर बड़ा कलंक है।
उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधी किसी भी तरह के लिहाज के लायक नहीं हैं और ऐसे लोगों से देश के कानून के अनुसार कड़ी सजा देकर निपटाया जाना चाहिए ताकि कोई और ऐसा अपराध करने का प्रयास न करे। मान ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए ताकि पीड़ितों के परिवारों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए।
अराजकता और जंगलराज समाप्त होः मजीठिया
अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट कर घटना की निंदा की। उन्होंने केंद्र सरकार के संबोधित करते हुए लिखा कि मणिपुर आक्रोश देश के माथे पर कलंक है। इस अराजकता और जंगल राज को समाप्त करें। जातीय समूहों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाना चाहिए। देश की बेटियों को अपमानित करने वाले और मासूमों की बेरहमी से हत्या करने वाले जानवरों और कसाइयों को अनुकरणीय सजा सुनिश्चित करें।
56 इंच की छाती वाले प्रधानमंत्री चुप: राजा वड़िंग
पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने मणिपुर की घटना को लेकर ट्वीट किया कि मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर घुमाने और यौन उत्पीड़न के भयावह वीडियो से स्तब्ध हूं। लगभग तीन महीने हो गए लेकिन 56 इंच की छाती का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में हिंसा पर चुप रहे। जलते हुए घर, चिताएं और रोज-रोज होने वाली झड़पें प्रधानमंत्री के खोखले शांति और सद्भाव के दावों को उजागर करती हैं।
भाजपा के हाथों में देश सुरक्षित नहीं: राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा एनडीए के सहयोगियों की चुप्पी पर सवाल उठाया। राघव चड्ढा ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य में हुई क्रूर हिंसा को दर्शाने वाली सामग्री हर दूसरे दिन सामने आ रही है। उन्होंने मणिपुर में गंभीर स्थिति को स्वीकार करने में विफल रहने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या यही आपका न्यू इंडिया है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या मणिपुर की मौजूदा स्थिति 21वीं सदी के भारत का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका प्रधानमंत्री अक्सर अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान दावा करते हैं? उन्होंने कहा कि यह सामने आ रहा है कि जब मणिपुर जल रहा था तब एनडीए की बैठक में हिस्सा ले रहे 38 दलों में से 10 दल उत्तर-पूर्व के थे लेकिन उनमें से किसी ने प्रधानमंत्री से यह पूछने की हिम्मत की कि मणिपुर क्यों जल रहा है? मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर तीखा हमला बोलते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि दुनिया भर की छोटी-छोटी घटनाओं पर भी ट्वीट करने वाले पीएम ने करीब 80 दिनों से मणिपुर में हो रही हिंसा पर कोई टिप्पणी नहीं की है।