पंजाब
SAD सदस्य काहनेके ने आल इंडिया गुरुद्वारा एक्ट को लेकर प्रकाश सिंह बादल पर दी तीखी प्रकिया
Shantanu Roy
21 Sep 2022 2:15 PM GMT
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चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) से संबंधित शिरोमणि कमेटी के सदस्य मास्टर मिट्ठू सिंह काहनेके ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हरियाणा के पक्ष में फैसले आने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस फैसले से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) को बड़ा धक्का लगा है।
शिरोमणि कमेटी को अपने चल रहे प्रबंधन संबंधी चिंतन की जरूरत है। पिछले लंबे समय से शिरोमणि कमेटी पर बादल परिवार का कब्जा है और बादलों की गलत सियासत के कारण ही पिछले वर्ष दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी बादल परिवार से आजाद हुई। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने से हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अस्तित्व में आ गई है। मास्टर मिट्ठू सिंह काहनेके ने कहा कि पिछले लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल की आल इंडिया एक्ट की मांग को प्रकाश सिंह बादल ने मिट्टी में मिलाकर रखा दिया है। बेशक 1982 में जस्टिस हरबंस सिंह द्वारा आल इंडिया गुरुद्वारा एक्ट की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी।
जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा सहित कई अकाली नेता लगभग सहमत हो गए थे। परंतु अफसोस शिरोमणि अकाली दल में ताकतवर धड़े (प्रकाश सिंह बादल) के विरोध के कारण, एक्ट को अंदरखाते रोकने के कारण ही आल इंडिया गुरुद्वारा एक्ट अस्तित्व में नहीं आ सका। प्रेस को जारी एक बयान के विरोधी धड़े के नेता मास्टर मिट्ठू सिंह काहनेके ने कहा कि शिरोमणि कमेटी सदस्य साहिबान बादल दल की राजनीति से अलग होकर निष्पक्ष शिरोमणि कमेटी प्रबंध चलाने के लिए आगे आएं, शिरोमणि कमेटी का प्रबंध इस वक्त लडख़ड़ाया हुआ है। शिक्षण संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस संस्थान और अन्य विभिन्न संस्थान का ठीक प्रबंध न होने के कारण घाटे में चल रहे हैं। गुरुद्वारा घरों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
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