पंजाब

स. बादल के भोग समारोह में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Shantanu Roy
4 May 2023 9:07 AM GMT
स. बादल के भोग समारोह में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
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स्वारघाट। चंडीगढ़-मनाली एनएच-205 पर एक कार देर रात सड़क से नीचे खाई में लुढ़क गई। उक्त हादसा स्वारघाट से 5 किलोमीटर दूर धारकांशी नामक स्थान पर घटित हुआ।कार में दिल्ली निवासी 3 युवक सवार थे जिन्हें चोटें आईं हैं। ये युवक मनाली घूमने जा रहे थे कि धारकांशी के तीखे मोड़ पर कार अनियंत्रित होकर सीधे खाई में उतर गई। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही स्वारघाट पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची तथा घायल युवकों को कड़ी मशक्कत के बाद खाई से बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें 108 एम्बुलैंस की सहायता से प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी नयनादेवी ले जाया गया है। फिलहाल पुलिस ने हादसों के कारणों को लेकर छानबीन शुरू कर दी है तथा आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। श्री मुक्तसर साहिब: दिवंगत स. प्रकाश सिंह बादल की अंतिम अरदास के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि देते कहा कि प्रकाश सिंह बादल के देहांत से सिर्फ पंजाब को नहीं बल्कि पूरे देश को ऐसा नुकसान हुआ है, जिसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता। सिख पंथ ने अपना सच्चा सिपाही, देश ने एक देशभक्त, किसानों ने अपना सच्चा हमदर्द गंवा दिया है। 70 साल का राजनीतिक जीवन काटने के बाद भी कोई दुश्मन न हो, ऐसे आजाद व्यक्ति जैसा जीवन बादल साहब के बिना कोई जीकर नहीं दिखा सकता। अमित शाह ने बताया कि जब भी बादल साहब से मुलाकात हुई है, तभी वह हमेशा उनसे कुछ न कुछ सीख कर गए हैं और बादल साहब हमेशा उन्हें सच्चा रास्ता दिखाने की कोशिश करते रहे हैं।
बेशक उनके रास्ते अलग हैं लेकिन उन्होंने हमेशा वही किया, जो पार्टी के लिए सही था। शाह ने कहा कि इतनी निष्पक्षता से राजनीतिक जीवन में सलाह देना महामानव के बिना कोई नहीं कर सकता। शाह ने प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक जीवन के बारे में बात करते बताया कि बादल साहब ने पंजाब विधानसभा और राजनीति में सबसे अधिक समय बिताया है। इसके अलावा वह 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं और इस रिकॉर्ड के आधार पर वह कह सकते हैं कि नए पंजाब की नींव का काम सरदार प्रकाश सिंह बादल ने किया। उनके जाने से भाईचारे का सरदार चला गया क्योंकि उन्होंने अपना सारा जीवन हिंदू-सिख एकता के लिए समर्पित किया। प्रकाश सिंह बादल अपने खिलाफ किए जा रहे विरोधों का सामना करते हुए सभी को एकजुट रखने के लिए काम करते रहे। शाह ने बताया कि सुखबीर सिंह बादल से उन्हें जानकारी मिली कि गांव बादल में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा भी प्रकाश सिंह बादल द्वारा बनवाया गया है। अगर दीया लेकर भी ढूंढा जाए तो राजनीतिक और सामाजिक जीवन में प्रकाश सिंह बादल जैसा व्यक्ति नहीं मिलेगा। 1970 से लेकर आज तक जब भी देश के लिए खड़े होने का समय आया तो उन्होंने कभी भी पीठ नहीं दिखाई। बादल साहब का जाना पूरे देश के लिए बहुत बड़ा घाटा है और उनके सहित कई नेताओं के लिए भी पूरी न होने वाली कमी है। शाह ने कहा कि वह परमात्मा के आगे प्रार्थना करते हैं कि बादल साहब के जीवन से सबक लें और उन्होंने जिस रास्ते पर चलने की शिक्षा दी उसी पर चलने की शक्ति दें।
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