पंजाब पुलिस के कारण निकाय विभाग को हर साल लाखों रुपये का चूना लग रहा है। दरअसल पंजाब पुलिस की तरफ से कई साल से निकाय विभाग का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा जा रहा है। निकाय विभाग के पास पंजाब पुलिस का नाम डिफॉल्टर सूची में है। हालांकि राज्य में सरकार बदलने के साथ ही अब निकाय विभाग को भी प्रॉपर्टी टैक्स वसूली की उम्मीद जगी है। साथ ही विभाग ने टैक्स की वसूली के लिए नए सिरे से काम शुरू किया है।
निकाय विभाग की ओर से साल 2014-15 में प्रॉपर्टी टैक्स की शुरुआत की गई थी। हर साल अप्रैल में प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना होता है। शुरुआती कुछ महीनों में टैक्स भुगतान करने पर निकाय विभाग द्वारा 10 फीसदी तक छूट दी जाती है। इसके बाद ब्याज के साथ टैक्स चुकाना होता है। आम लोगों से लेकर सभी सरकारी विभागों के लिए टैक्स चुकाने के नियम एक समान है।
इस बार प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर विभाग के थिंक टैंक में मंथन शुरू हो चुका है। साथ ही अब प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए सारा खाका तैयार कर लिया है। यहां तक कि इस मामले को विभाग के मंत्री के सामने भी उठाया गया। सूत्रों की माने तो अब इस मामले को निपटाने के लिए पूरी रणनीति से काम होगा। उम्मीद है कि दो राज्यों में होने वाले चुनाव के बाद इस दिशा में काम में होगा।
हर जिले में स्थिति एक जैसी
पुलिस द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स न चुकाने के मामले में मोहाली से लेकर आबादी के हिसाब से सबसे बड़े जिले लुधियाना तक स्थिति एक जैसी है। किसी भी जिले में प्रॉपर्टी टैक्स की अदायगी नहीं हुई। सभी नगर काउंसिल और नगर निगम अपने अधीन आती पुलिस की प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड बनाकर रखती है। मोहाली नगर निगम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इसी तरह की स्थिति लुधियाना और जालंधर की है। सूत्रों के अनुसार, अगर पुलिस का सही पैसा आ जाए तो विकास में कमी नहीं आएगी।