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पंजाब भाजपा कार्यकारिणी का पुनर्गठन जल्द, कइयों के कतरेंगे 'पर'

Shantanu Roy
27 Aug 2022 5:26 PM GMT
पंजाब भाजपा कार्यकारिणी का पुनर्गठन जल्द, कइयों के कतरेंगे पर
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बड़ी खबर
चंडीगढ़। पंजाब में भाजपा कार्यकारिणी का जल्द ही पुनर्गठन होने जा रहा है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसे नेताओं को टीम में शामिल कर बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है, जिनका पूरे पंजाब या क्षेत्र विशेष में जनाधार हो। प्रैस कांफ्रैंस और प्रैस विज्ञप्ति तक सीमित नेताओं को किनारे करने का मन भाजपा नेतृत्व बना चुका है। इसी क्रम में अब प्रदेश टीम का पुनर्गठन होगा।सूत्रों की मानें तो सितम्बर के पहले हफ्ते तक नई टीम पर मोहर लग जाएगी। इस टीम में मौजूदा टीम के कुछ सदस्य भी होंगे जबकि कुछ नए सदस्य शामिल किए जाएंगे। भाजपा सूत्रों की मानें तो मौजूदा प्रदेश टीम में काम न करने वालों की छुट्टी तय है। 33 सांगठनिक जिलों में से दर्जन भर जिला प्रधानों को भी बदला जाएगा।
कांग्रेसियों को एडजस्ट करने के लिए बड़ी होगी टीम
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कुछेक पूर्व मंत्रियों व विधायकों को एडजस्ट करने के लिए भाजपा अपनी प्रदेश टीम बढ़ाएगी। इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व के पास 2 महीने पहले प्रस्ताव भी भेजा गया है। गौरतलब है कि पंजाब में प्रदेश टीम में अध्यक्ष के साथ 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 8 सचिव होते हैं। इनके अलावा एक संगठन महामंत्री होता है जो संघ की ओर से किसी बाहरी राज्य से तैनात किया जाता है। कांग्रेस से पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ के अलावा राजकुमार वेरका, सुंदर शाम अरोड़ा, राणा गुरमीत सिंह सोढी, गुरप्रीत सिंह कांगड़, बलबीर सिंह सिद्धू और फतेह जंग सिंह बाजवा भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इनमें से बाजवा पूरी तरह भगवे में रंग चुके हैं जबकि राणा सोढी संगरूर उपचुनाव में पार्टी के चुनाव प्रभारी रहे हैं। डा. वेरका भी दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम भाजपा के लिए आयोजित करवा चुके हैं। ऐसे में बाजवा, वेरका और सोढी में से किसी को प्रदेश पदाधिकारी बनाया जाएगा। कांग्रेस से आए इन नेताओं को समान पद दिए जाएंगे।
चर्चा प्रधान बदलने की भी
इस बीच अश्विनी शर्मा की जगह पंजाब भाजपा का नया प्रधान बनाने की भी चर्चा चल रही है। हालांकि उनके कार्यकाल के लगभग 5 महीने ही बचे हैं। वह कमल शर्मा के निधन के बाद जनवरी, 2020 में पंजाब प्रधान बनाए गए थे। नए प्रधान के लिए मालवा से ही नाम सामने आ रहे हैं। इनमें से एक की पैरवी संघ परिवार कर रहा है जबकि दूसरा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पहली पसंद है। हालांकि प्रदेश टीम के एक सीनियर नेता का कहना है कि अश्विनी शर्मा प्रधान बने रहेंगे और केवल उनकी टीम में ही कुछ फेरबदल होगा। उनका दावा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने हाल ही में शर्मा को अपनी टीम का पुनर्गठन करने को कहा है। दूसरी ओर एक केंद्रीय नेता का कहना है कि इस बदलाव के दायरे में प्रधान भी आ सकता है।
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