जनता से रिश्ता वेबडेस्क | योग का अभ्यास, हृदय रोग का कारण बनने वाले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हैं जिससे हृदय गति कम करने में मदद मिल सकती है। योग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है।
चंडीगढ़ पीजीआई के हृदय रोग विशेषज्ञ अब अपने मरीजों पर योग के प्रभाव का आकलन करेंगे। इसके लिए उन मरीजों का इलाज करने के साथ ही प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें तय योग भी कराया जाएगा। इसे लेकर पीजीआई एंजियोप्लास्टी वाले मरीजों को चिह्नित कर रहा है। मरीजों को दो वर्गों में बांटकर उन पर योग के परिणाम देखें जाएंगे। इसके लिए मरीजों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हृदय रोग पर योग के प्रभाव के आकलन के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट की प्रमुख अन्वेषणकर्ता हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम ने बताया कि हृदय रोग और योग को लेकर समय समय पर शोध किए गए हैं, लेकिन उनके परिणाम सटीक नहीं हैं। इस प्रोजेक्ट में हृदय रोग के इलाज के एक विशेष माध्यम को केंद्र में रखकर उसके साथ योग के परिणाम को देखा जाएगा। इसलिए इसमें एंजियोप्लास्टी करा चुके 75-75 मरीजों का दो वर्ग बनाया जा रहा है। एक वर्ग में शामिल 75 मरीजों को तीन महीने तक हफ्ते में 5 दिन 60 मिनट ऑनलाइन योग कराया जाएगा। वहीं दूसरे वर्ग में शामिल मरीज सामान्य तौर पर पूर्व से किए जाने वाले मानकों का पालन करेंगे। फिर छह महीने बाद दोनों वर्गों की प्रगति रिपोर्ट जांची जाएगी।
योग का अभ्यास, हृदय रोग का कारण बनने वाले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हैं जिससे हृदय गति कम करने में मदद मिल सकती है। योग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। नियमित योगाभ्यास की आदत, हृदय के कार्यों को आसान बनाने में मदद करने के साथ रक्त को पंप करने और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखने में काफी सहायक है।