चंडीगढ़: पंजाब में लंपी त्वचा रोग से अब तक 2,100 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि 60,000 से अधिक प्रभावित हुए हैं. एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पंजाब सरकार ने इस बीमारी के प्रसार की रोकथाम के प्रयास तेज कर दिए हैं और 1.45 लाख से अधिक मवेशियों को बकरे का टीका लगाया है. वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीमारी के प्रसार की निगरानी और नियंत्रण के लिए मंत्रियों के तीन सदस्यीय समूह का गठन किया है.गाय और भैंस मुख्य रूप से लंपी त्वचा रोग की चपेट में आती हैं. इससे जानवर की त्वचा या खाल पर गांठें बन जाती हैं. पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह इस बीमारी के प्रकोप की चपेट में हैं. पंजाब में लंपी त्वचा रोग का पहला पुष्ट मामला चार जुलाई को सामने आया था.पंजाब के पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'शुक्रवार तक 60,329 मवेशी प्रभावित हुए हैं और 2,114 की मौत हुई है.' अधिकारी ने बताया, 'शुक्रवार को टीके की 30,000 खुराकें दी गईं और हमारा लक्ष्य इसे रोजाना 50,000 खुराक तक ले जाने का है.'
पिछले हफ्ते केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरूषोतम रूपाला ने कहा था कि देश में लंपी रोग से प्रभावित पांच राज्यों में से राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य के 11 जिले गंभीर रूप से प्रभावित हैं. उन्होंने लंपी रोग से संक्रमित गायों का दूध नहीं पीने की भी चेतावनी दी थी और कहा था कि ऐसी गायों को पृथक-वास में रखा जाना चाहिए. रूपाला ने कहा था कि मवेशियों में फैल रहे लंपी चर्म रोग की रोकथाम के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर गंभीर प्रयास कर रही हैं और जल्द ही इसे नियंत्रित करने में सफल होंगे.