जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लुधियाना पुलिस और काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट ने सीएमएस कंपनी से साढ़े आठ करोड़ की लूट की मास्टरमाइंड मनदीप कौर मोना उर्फ डाकू हसीना और उसके पति जसविंदर सिंह को उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी पंजाब ने ट्वीट कर पुलिस की पीठ थपथपाई। डीजीपी ने कहा कि करोड़ों की डकैती को सुलझाने के लिए पुलिस टीमों ने एक पेशेवर और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का इस्तेमाल किया।
लूट की मास्टरमाइंड मनदीप कौर मूल रूप से लुधियाना के डेहलों की रहने वाली है। उसकी मुलाकात बरनाला के जसविंदर से सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर हुई थी। दोनों में वहीं से दोस्ती हुई और फरवरी में शादी कर ली। मंदीप कौर खुद को वकील प्रमोट करती थी, जबकि उसने एक दुष्कर्म का मामला किसी पर दर्ज कराया था उसकी पेशी भुगतने के लिए वह लुधियाना अदालत आती थी। जसविंदर ने भी सभी रिश्तेदारों और दोस्तों में मंदीप कौर को वकील ही बता रखा था। उसने मंदीप के चक्कर में कोकटेल बनाने का काम भी छोड़ दिया था और कोई दूसरा काम ढूंढ रहा था ताकि शार्टकट तरीके से पैसा कमा सके।
लूटकांड का दूसरा मुख्य आरोपी मनजिंदर मनी अदालत में लगे एटीएम में पैसे डालने आता था तो वहां उसकी मुलाकात मनी से हुई और दोनों की दोस्ती हो गई। इसके बाद मंदीप कौर ने लूट की योजना बनानी शुरू कर दी, उसने मनजिंदर से बात की और अपने पति को भी शामिल कर लिया। पुलिस के मुताबिक मंदीप और मनजिंदर में गहरी दोस्ती हो गई थी। उसने मनी से सारे भेद ले लिए कि कंपनी में कितनी नकदी होती है और क्या सिस्टम है। इसके बाद मंदीप कौर ने अपने पति और भाई सहित सात लोगों को लूट के लिए तैयार किया, जबकि बाकी लोगों को मनजिंदर मनी ने तैयार करना था। जब सभी लोग तैयार हो गए तो लूटकांड को अंजाम देने का समय तय कर लिया गया और लूट की गई। आरोपियों ने करीब चार महीने तक का इंतजार किया। मनजिंदर मनी को इतना तो पता था कि शुक्रवार को कंपनी के दफ्तर में कैश ज्यादा होता है। जिस दिन लूट करनी थी उस दिन कैश भी करीब 11 करोड़ रुपये पड़े थे और मनजिंदर को यह भी पता था कि दो सुरक्षा कर्मचारी डबल ड्यूटी कर रहे हैं और एक सो रहा होगा। इसके बाद उन्हें आस नजर आई कि अब लूटकांड को अंजाम दिया जा सकता है। आरोपियों ने सुरक्षा कर्मचारियों की थकावट का फायदा उठाया और लूटकांड को अंजाम दे दिया।