पंजाब

यूको बैंक में लूटेरों ने ऐसे दिया लाखों की लूट की वारदात को अंजाम, मैनेजमेंट की गलती आई सामने

Shantanu Roy
5 Aug 2022 3:46 PM GMT
यूको बैंक में लूटेरों ने ऐसे दिया लाखों की लूट की वारदात को अंजाम, मैनेजमेंट की गलती आई सामने
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जालंधर। इंडस्ट्रियल एरिया में यूको बैंक में हुई 14 लाख रुपए से भी ज्यादा की लूट के मामले में बैंक मैनेजमेंट की गलती तो सामने आई ही है, इसके साथ साथ पुलिस की भी लापरवाही दिखाई दी। पुलिस अधिकारियों ने कई बार मीटिंग बुला कर बैंकों के अधिकारियों को सिक्योरिटी गार्ड रखने के आदेश दिए लेकिन यूको बैंक की मैनेजमेंट ने इन आदेशों को नहीं माना। पुलिस ने भी अपने लैवल पर खुद के आदेशों की जमीनी हकीकत चैक करने के लिए कभी चैकिंग नहीं की जिसका नतीजा लूट की वारदात निकली।

दो साल पहले अर्बन स्टेट स्थित मणप्पुरम गोल्ड बैंक में भी सिक्योरिटी गार्ड न होने के कारण लुटेरों ने सेफ से लाखों रुपए लूट लिए थे। हालांकि पुलिस ने उन लुटेरों की पहचान तो कर ली थी लेकिन लुटेरे नहीं पकड़े गए थे। सभी लुटेरे बिहार के रहने वाले थे। इस वारदात के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने बैंकों के बाहर सिक्योरिटी गार्ड रखने के आदेश दिए थे। हैरानी की बात है कि इंडस्ट्रियल एरिया में जिस जगह पर यूको बैंक है वह कमर्शियल इलाका है। रोड पर दिन के समय लोगों की आना जाना लगा रहता है उसके बावजूद लुटेरे इस वारदात को अंजाम दे गए।
बैंक के अंदर मौजूद लोगों ने बताया कि लुटेरों ने वैपन लहराते हुए कहा कि अगर कोई हिला तो उसे गोली मार देंगे। लोग व बैंक का स्टाफ दहशत में आ गया। लुटेरों ने कुछ लोगों को जमीन पर बैठा दिया और कुछ को कुर्सियों पर। इस दौरान लुटेरे आराम से कैस लेकर भाग गए। वहीं टीम ने जिस शीशे को लुटेरे ने तोड़ा था फॉरेंसिंक टीम ने वहां से फिंगर प्रिंट लिए है। बायोमीट्रिक स्कैनर की मदद से लुटेरे के फिंगर फ्रिंट चैक किए जाएंगे। हैरानी की यह बात भी है कि लुटेरे बिना नंबर प्लेट की काले रंग की एक्टिवा पर सवार होकर आए थे और एक्टिवा पर ट्रिपलिंग करके वह वारदात के फरार भी हो गए।
सी.पी. गुरशरण सिंह संधू द्वारा गठित की गई टीमों ने सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से लुटेरों का रूट चैक किया तो आरोपी वारदात के बाद सोढल फाटक से आगे के रूट पर जाते मिले। अब पुलिस आगे का रूट चैक कर रही थी। डी.सी.पी. लॉ एंड आर्डर अंकुर गुप्ता, डी.सी.पी. इंवैस्टीगेशन जसकिरणजीत सिंह तेजा, डी.सी.पी. जगमोहन सिंह के नेतृत्व में पुलिस ह्यूमन रिसोर्सिस और साइंटिफिक तरीके से लुटेरों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस हिस्ट्रीशीटर लुटेरों की तस्वीरें भी लोगों को दिखा कर पहचान करने के प्रयास कर रही है। देर रात थाना 8 में अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था।
लूट की सूचना मिलते ही लॉकर धारकों की इकठ्ठा हो गई भीड़
जैसे ही यूको बैंक में गन प्वाइंट पर लूट की वारदात बैंक के उपभोक्ताओं को मिली तो उनमें से लॉकर धारक लोगों की भीड़ इक्टठा हो गई। इनमें से एक वह भी ग्राहक था जिसका लॉकर जालंधर पठानकोट हाईवे पर स्थित पी.एन.बी. बैंक में था और काफी साल पहले बैंक के सारे लॉकर तोड़ कर गैस कटर गिरोह लोगों के पैसे, गहने आदि लूट ले गए थे। हालांकि पुलिस अधिकारी व बैंक का स्टाफ लॉकर सुरक्षित होने की बात कहता रहा लेकिन जब तक लॉकर धारकों ने लॉकर नहीं देखे वह बैंक के बाहर खड़े रहे। लॉकर सुरक्षित देख वह अपने घरों की तरफ लौट गए।
मैंने कहा-शादी की मुंदरी है तो लुटेरे बिना कुछ कहे चले गए
विनोद नाम का व्यक्ति भी बैंक में किसी काम से आया था। विनोद ने बताया कि लुटेरे पंजाबी बोल रहे थे। जिंदगी में पहले बार लूट की वारदात देखी जो एक फिल्म के सीन जैसी थी। विनोद ने कहा कि लुटेरों ने महिला से पिस्तौल दिखाकर चेन लूटी थी। विनोद ने बताया कि लुटेरे ने उसका हाथ पकड़ कर अंगूठी देखी और उतारने को कहा। उसने कहा कि यह अंगूठी शादी की निशानी है जिसके बाद लुटेरा बिना कुछ कहे आगे चला गया।
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