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पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है: केंद्र सरकार

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2022 10:06 AM GMT
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है: केंद्र सरकार
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केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए कहा है कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ (पीयू) को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है.

केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए कहा है कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ (पीयू) को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है. सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी के पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बदलने के संबंध में मंत्रालय ने विरासत के मुद्दों, मौजूदा कर्मचारियों के समायोजन के कारणों के खिलाफ एक नीतिगत निर्णय लिया था.

गौरतलब है कि पीयू को लेकर केंद्र के अधीन करने की लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन शिक्षा मंत्री द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के बाद इन अटकलों को अब विराम लग गया है.
मंत्री ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय 1947 के तहत स्थापित किया गया था, और पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 72 के प्रावधानों के तहत एक अंतर-राज्य निकाय कॉर्पोरेट है. राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बदलने के संबंध में, इस मंत्रालय ने विरासती मुद्दों, मौजूदा कर्मचारियों के समायोजन और संबद्ध कॉलेजों की असंबद्धता के कारण ऐसे विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित नहीं करने का नीतिगत निर्णय लिया है.
पंजाब विधानसभा में पारित हुआ था प्रस्ताव
जून माह में पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के दखल और उसे केंद्र के अधीन करने के विरोध में पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. सदन में पंजाब विश्वविद्यालय को किसी न किसी बहाने से केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाकर उसके दर्जे में परिवर्तन करने के विषय पर जोर देने की निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा की जा रही कोशिश पर चिंता जाहिर की गई थी. सदन ने पंजाब विश्वविद्यालय की स्थिति को बदलने के खिलाफ यह सिफारिश की थी कि इस विश्वविद्यालय की प्रकृति एवं उसकी स्थिति पर किसी भी तरह के बदलाव पर भारत सरकार द्वारा विचार नहीं किया जाए.
यह भी प्रस्ताव पारित किया गया था कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट में 2 विधायक भी शामिल होंगे. जिनके नाम तय करने का अधिकार विधानसभा के स्पीकर कुलतार संधवां को दे दिए गए थे


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