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उनका मुक्तसर से भी काफी लगाव रहा है।
अभिनेता मंगल ढिल्लों का रविवार को लुधियाना के अस्पताल में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे। लेखक और निर्माता-निर्देशक के तौर पर मंगल ढिल्लों ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे मूल रुप से फरीदकोट जिले के गांव वांदर जटाणा के रहने वाले थे, मगर उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन मुक्तसर के सरकारी कॉलेज से की थी। उनका मुक्तसर से भी काफी लगाव रहा है।
फिल्मों में जाने के बावजूद वे जब कभी भी पंजाब या अपने पैतृक गांव वांदर जटाणा आते थे तो मुक्तसर भी आया-जाया करते रहते थे। भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता एवं कंज्यूमर कान्फेडरेशन आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष गुरचरन सिंह संधू मुक्तसर ने मंगल ढिल्लों को याद किया। उन्होंने बताया कि कॉलेज में मंगल ढिल्लों उनके सीनियर थे। वे बेहद विनम्र स्वभाव के इंसान थे। अभी कल ही वाट्सअप पर उन्हें संदेश भेजा था, आज उनका निधन होने की बात सुनकर दुःख हो रहा है।
संधू के अनुसार मंगल ढिल्लों सुनील दत्त के फैन थे। कॉलेज के दिनों से वे सुनील दत्त को फॉलो करते थे और उनकी अदाकारी को कॉपी करते थे। एक बार किसी फिल्म में सुनील दत्त ने माथे पर रिबन बांधा था और लंबे बाल रखे थे। मंगल ढिल्लों ने भी उस किरदार से प्रभावित होकर अपने बाल बढ़ा लिए थे और माथे पर रिबन बांधने लगे थे। जब किसी के साथ नार्मल बातें भी हुआ करती थी तो वे फिल्मी स्टाइल में ही डायलागबाजी करते थे। कॉलेज टाइम से ही उनका ये अंदाज और सुनील दत्त साहिब के प्रति दीवानगी उन्हें इस लाइन की ओर ले गई और आगे चलकर वे खुद भी काफी प्रभावशाली अदाकारों की फेहरिस्त में शुमार हुए।
अपने फिल्मी करिअर में मंगल ढिल्लों को बॉलीवुड के हर दिग्गज अदाकार व अदाकारा के साथ काम करने का मौका मिला। फिल्म लाइन से किनारा करने के बाद वे पंजाब में अक्सर सिक्खी को प्रमोट करती धार्मिक फिल्में बनाकर दिखाते नजर आते रहे हैं। बॉलीवुड में वे विश्वात्मा, दयावान, खून भरी मांग, प्यार का देवता सहित अनेकों फिल्मों में निभाए गए अपने किरदारों को लेकर चर्चित रहे।
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