पंजाब

करप्शन मामलों में 'आप' की कारगुजारी पर फतेह सिंह बाजवा ने साधा निशाना, उठाए ये सवाल

Shantanu Roy
29 July 2022 2:52 PM GMT
करप्शन मामलों में आप की कारगुजारी पर फतेह सिंह बाजवा ने साधा निशाना, उठाए ये सवाल
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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को पूरी ईमानदारी से चलाना चाहिए। हाल ही में कुछ घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें पूर्व मंत्रियों को कथित तौर पर दिल्ली हाईकमान की दखलंदाजी के चलते भ्रष्टाचार के मामले में बचने का रास्ता दिया गया। पंजाब के वरिष्ठ भाजपा नेता फतेह सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के मामले में सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह दिल्ली में अपने राजनीतिक आकाओं के हाथों में न खेलें, क्योंकि पंजाब के लोगों ने बतौर मुख्यमंत्री आपको वोट दी है। पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में दाल में कुछ काला होने की आशंका प्रकट करते हुए बाजवा ने कहा कि जांच एजेंसी ने सभी केसों को खोला था और जांच की गई थी, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि यह बहुत धीमी है।

उनमें शामिल सियासी आकाओं को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। बाजवा ने कहा कि इनके अपने सेहत मंत्री केस से लेकर, जिसमें मुख्यमंत्री ने खुद के प्रत्यक्षदर्शी होने का दावा किया था, मंत्री और उनके पीए दोनों को जमानत मिल चुकी है। इसी तरह जब ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप धालीवाल दावा कर रहे हैं कि पूर्व मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने गांव भगतूपुरा की पंचायती जमीन का घोटाला करते हुए खजाने को 28 करोड़ रुपए का चूना लगाया है और जांच की रिपोर्ट आपको भेजी जा चुकी है, तो क्यों मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं की गई? क्यों केस को संबंधित जांच एजेंसी के पास नहीं भेजा गया व गिरफ्तारियां नहीं हुई।

पूर्व खुराक व सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ शिकायतों के मुद्दे पर बोलते हुए, बाजवा ने कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ आरोपों को लेकर विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए हैं। अभी तक जांच एजेंसी ने पूर्व मंत्री को जांच में शामिल होने के लिए क्यों नहीं कहा। वहीं पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने दावा किया था कि 825 पीआरटीसी बसों के लिए पिछली सरकार में जयपुर से बनवाई गई बॉडीज घटिया क्वालिटी की थी और मामले की जांच की जा रही है। स्पष्ट तौर पर इसमें पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वड़िंग की भूमिका हो सकती है। लेकिन इसमें जांच एजेंसी केस दर्ज करके गिरफ्तारी क्यों नहीं दर्ज कर रही, जिस आरोपी ने सरकारी खजाने को चूना लगाया है।
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