पंजाब

सोच में पड़े विभाग, 8.31 लाख का बिल सरकार को भेजा

Admin4
19 Aug 2022 11:17 AM GMT
सोच में पड़े विभाग, 8.31 लाख का बिल सरकार को भेजा
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

पंजाब सरकार ने सबसे पहले इस बिल को पर्यटन विभाग को भेजा, जिसने राजभवन के कार्यक्रमों को लेकर कोई प्रावधान न होने की बात कही और साथ ही इस पत्र को वित्त विभाग को फारवर्ड कर दिया। वित्त विभाग की खर्च संबंधी शाखा ने भी 8,31,841 रुपये के बिल के भुगतान पर असमर्थता जता दी।

पंजाब के राज्यपाल ने राजभवन में रामकथा का आयोजन कराया। अब 8,31,841 रुपये का बिल देखकर पंजाब सरकार पसोपेश में पड़ गई है। विभिन्न विभागों से इस बिल के भुगतान के बारे में राय लेने के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने राजभवन को पत्र भेजा है कि कृपया बताया जाए कि इससे पहले राजभवन में कराए गए ऐसे किसी आयोजन के लिए प्रदेश सरकार ने कोई भुगतान किया है।

पत्र के मुताबिक राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राजभवन में 23 से 29 अप्रैल तक सात दिन रामकथा का आयोजन कराया था। इसके लिए शामियाना, कारपेट और फर्नीचर आदि मोहाली की एक कंपनी से किराये पर लिए गए थे। राजभवन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस संदर्भ में सरकार को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि अंतिम समय में कार्यक्रम के दायरे का विस्तार किया गया था इसलिए ईएमसी प्राइवेट लिमिटेड को संबंधित सामान उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है।

ईएमसी पंजाब सरकार (आतिथ्य) का एक अनुमोदित विक्रेता है। राजभवन ने पत्र के साथ ईएमसी का 11 मई, 2022 का बिल भी सरकार को भेजते हुए, इसका भुगतान संबंधित कंपनी को करने के लिए कहा है। राजभवन से यह पत्र 16 जून, 2022 को राज्य सरकार को भेजा गया। इसे लेकर सरकार की उलझन बढ़ गई कि यह खर्च किस मद में दिखाया जाए और इसका भुगतान किस खाते से किया जाए।

सरकार ने सबसे पहले इस बिल को पर्यटन (आतिथ्य) विभाग को भेजा, जिसने राजभवन के कार्यक्रमों को लेकर कोई प्रावधान न होने की बात कही और साथ ही इस पत्र को वित्त विभाग को फारवर्ड कर दिया। वित्त विभाग की खर्च संबंधी शाखा ने भी 8,31,841 रुपये के बिल के भुगतान पर असमर्थता जता दी। इस तरह रामकथा के कार्यक्रम के खर्च की फाइल दो महीने तक एक से दूसरे विभाग में घूमती रही।

चूंकि मामला राजभवन और राज्यपाल से जुड़ा है, इसलिए सरकार सीधे इन्कार करने से भी बच रही है। जब कोई हल नहीं निकला तब आखिरकार सरकार ने इसे राजभवन को ही लौटाते हुए पूछा है कि यह बताया जाए कि इससे पहले राजभवन में आयोजित ऐसे किसी कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई भुगतान किया गया था?

रामकथा के लिए किराये पर लिए सामान का बिल

राजभवन में एक सप्ताह तक हुए रामकथा के आयोजन के लिए जो सामान किराये पर लिया गया, उसका किराये समेत विवरण भी राजभवन ने प्रदेश सरकार को उपरोक्त पत्र के साथ भेजा है।

3528 वर्ग फुट के लिए लाइटों समेत शामियाने का किराया 1,05,840 रुपये

सिंथेटिक रेड कारपेट 12,400 रुपये

लाल वूल के प्रिंटेड कारपेट 4,800 रुपये

100 बैंक्वेट कुर्सियां 3,000 रुपये

100 बैंक्वेट कुर्सियों के कवर 3,000 रुपये

सनमाइका टॉप वाले 4 कॉफी टेबल 760 रुपये

4 थ्री सीटर सोफा 3,520 रुपये

13 टू सीटर सोफा 7,670 रुपये

एक दिन का कुल किराया- 1,40,990 रुपये

सात दिन का कुल किराया - 9,86,930 रुपये

कुल रकम पर दी गई छूट - 281980 रुपये

छूट के बाद कुल रकम - 7,04,950 रुपये

18 फीसदी आईजीएसटी - 1,26891 रुपये

अदा की जाने वाली कुल रकम - 831841 रुपये

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