पंजाब सरकार के अधीन करीब साढ़े तीन लाख पक्के मुलाजिम काम करते हैं जबकि इतनी ही संख्या में अनुबंध पर मुलाजिम काम करते हैं। इन सभी को सरकार द्वार ही भुगतान किया जाता है। हर जिले में खजाना दफ्तर स्थापित किए गए है। जहां पर सारे बिल जमा करवाने होते हैं। इसे बाद मुलाजिमों की अदायगी की प्रक्रिया शुरू होती है।
पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में साढ़े छह लाख मुलाजिमों को अब तय समय पर ही वेतन मिलेगा। सरकार की तरफ से सभी विभागों के आहरण और संवितरण अधिकारी (डीडीओ) को हिदायत दी गई है कि वह हर महीने की 7 तारीख तक अपने बिल खजाना दफ्तर को भेजें ताकि मुलाजिमों को तय समय से वेतन बनाकर जारी किया जा सके।
सरकार ने अपने पत्र में साफ किया है कि इसके बाद भी किसी डीडीओ की तरफ से कोताही की गई तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार के वित्त विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि मुलाजिमों को तय समय से वेतन देने के लिए पूरी कोशिश की जाती है। इसके लिए सारे फंड जुटाए जाते हैं लेकिन अकसर देखने में आता है डीडीओ की तरफ से अपने मुलाजिमों को वेतन दिलाने के लिए खजाना दफ्तर में बिल पेश नहीं किए जाते हैं।
सरकार की छवि होती है खराब
हालत यह है डीडीओ की तरफ से हर महीने 20 से 25 तारीख तक बिल लगाए जाते हैं। ऐसे में मुलाजिमों को समय से वेतन नहीं मिल पाता है। ऐसे में मुलाजिम व उनके परिवार परेशान होते है। वहीं, लोगों के बीच सरकार की छवि भी खराब होती है जबकि मुलाजिमों को लगता है कि वित्त विभाग की तरफ जानबूझकर उन्हें वेतन रिलीज नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सभी डीडीओ को साफ किया गया है कि वह मुलाजिमों के वेतन संबंधी बिल हर महीने की सात तारीख तक विभाग को भेजें ताकि समय पर इस संबंधी कार्रवाई की जाएगी।
बिल जमा करवाने के बाद होती है वेतन की अदायगी
सूबा सरकार के अधीन करीब साढ़े तीन लाख पक्के मुलाजिम काम करते हैं जबकि इतनी ही संख्या में अनुबंध पर मुलाजिम काम करते हैं। इन सभी को सरकार द्वार ही भुगतान किया जाता है। हर जिले में खजाना दफ्तर स्थापित किए गए है। जहां पर सारे बिल जमा करवाने होते हैं। इसे बाद मुलाजिमों की अदायगी की प्रक्रिया शुरू होती है। गत कुछ समय में कई जगह मुलाजिमों को वेतन मिलने में देरी की शिकायतें सामने आई थी। यहां तक की पंजाब रोडवेज के मुलाजिमों का आरोप था कि उन्हें आधा वेतन ही जारी किया गया है।