x
चंडीगढ़। हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ के चेयरमैन रणधीर सिंह गोलन ने कहा है कि फेडरेशन ने वीटा के उत्पादों की गुणवता और मार्केटिंग, ब्रांडिग एवं पैकेजिंग में सुधार करने के किए गए प्रयासों के फलस्वरूप पिछले ढाई वर्षों में अपने कारोबार में कुल 49.57 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है।
श्री गोलन ने शुक्रवार को यहां बताया कि फेडरेशन एवं दुग्ध युनियनों का कारोबार वर्ष 2019-20 में 1159 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1505 करोड़ रुपए हो गया है लाभ में 11.50 करोड़ रुपए से बढ़कर 49.57 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। इससे सहकारी प्रसंघों ने आर्थिक ऊंचाईयों को छूआ है। फेडरेशन ने दूध और दूध से बने तरल पदार्थों की बिक्री में इस वर्ष अप्रैल से जून के दौरान गत वर्ष की तुलना में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।
उनके अनुसार घी, दही एवं लस्सी आदि अन्य तरल पदार्थों की बिक्री में 55 प्रतिशत तक की वृद्धि को प्राप्त कर लिया है। इस वर्ष की पहली तिमाही के दौरान राज्य में घी की बिक्री में 29.95 प्रतिशत, लस्सी की बिक्री में 48.70 प्रतिशत और दही की बिक्री में 54.5 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि की है ।
श्री गोलन ने बताया कि फेडरेशन का मुख्य उद्देश्य विशेषकर डेयरी फार्मिंग के माध्यम से सहकारी प्रसंघ और इससे जुड़े संघों को आर्थिक रूप से समृद्ध और खुशहाल बनाना है। इसलिए डेयरी प्रसंघ किसानों को प्रोत्साहन देने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। डेयरी व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हुआ बहुत ही लाभप्रद और कारगर व्यवसाय है जिससे करोड़ों लोगो को आर्थिक रूप से सम्पन्न व समृद्घ किया जा सकता है।
प्रसंघ के प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास के अनुसार दुग्ध एवं दूध से बने तरल उत्पादों की समग्र बिक्री के लिए मार्केटिंग अभियान की कार्ययोजना तैयार की गई है। सामान्य व्यवसायों को आधुनिक स्तर का बनाने के लिए ग्राम स्तर पर दुग्ध सोसायटियों को वीटा बूथों के आउटलेट नेटवर्क से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि प्रसंघ द्वारा अम्बाला में नया उन्नत मिल्क प्लांट, दक्षिणी हरियाणा में डेयरी संयंत्र, रोहतक में खाद्य उत्पादों के नमूनों के लिए केन्द्रीय प्रयोगशाला एवं मिल्क प्लांट में टेट्रा पैकिंग तथा जीन्द के घी संयंत्र की क्षमता में वृद्धि करने का कार्य किया है।
Next Story