पंजाब
Canada में हुए 200 करोड़ रुपए के ड्रग्स रैकेट के मास्टमाइंड के नाम को लेकर बड़ा खुलासा
Shantanu Roy
29 Oct 2022 5:38 PM GMT
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जालंधर। कनाडा के ओंटारियो की पील रीजनल पुलिस द्वारा तीन पंजाबियों को गिरफ्तार करके उनसे 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के ड्रग्स बरामद करने के मामले में जालंधर के गाखल गांव का गुरदीप सिंह उर्फ दीपा गाखल मास्टर माईंड निकला है। हालांकि दीपा के भाई मेजर सिंह की भूमिका भी खंगाली जा रही है। इसके अलावा दीपा गाखल के मोबाइल के वाट्स एप से कनाडा पुलिस को गाखल गांव के ही रहने वाले अमरीक गाखल की भी संदिग्ध ओडियो मैसेज मिले जो यूएसए का सिटिजन था जिसे कनाडा पुलिस के कहने पर अमरीका पुलिस ने एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अमरीक सिंह गाखल से किसी प्रकार का कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला परंतु कनाडा पुलिस की जांच में पाया गया कि अमरीक सिंह दीपा गाखल के लिए कोरियर के लिए काम करता था जिसके चलते उसे जमानत भी दे दी गई।
ऐसे शुरू हुआ ड्रग तस्करी का खेल
दीपा गाखल के पिता स्व. अवतार सिंह निवासी गाखल गांव दुबई में लंबे समय तक रहे। उन्हीं के कारण घर का खर्चा चलता था लेकिन करीब 16 साल पहले दीपा का बड़ा भाई मेजर सिंह कनाडा गया। उसने वहीं की सिटिजन पंजाबी लड़की से शादी कर ली और सिंसिंग इवैंट करवा कर कमाई शुरू कर दी। उसके बाद मेजर सिंह वहां पर सैट हुआ तो उसने अपने भाई दीपा को भी बुला लिया। दीपा और मेजर सिंह मिल कर सिंगिंग शो करवा कर मोटी कमाई करने लगे और इसी दौरान गुरदीप सिंह दीपा की मुलाकात ड्रग्स तस्करों के साथ हुई। उनके रहने का स्टाइल देख कर दीपा प्रभावित हो गया और धीरे धीरे करके उसने अपने साथियों के साथ मिल कर ड्रग तस्करी का काम शुरू कर लिया।
गांव में की लव मैरिज
दीपा ने फिर अपने भाई मेजर सिंह के साथ पार्टनर में फ्रैंड्स फर्निचर नाम की कंपनी खोली। इसी की आड़ में वह अमरीका कनाडा सीमा से ड्रगस की बड़े लैवल पर तस्करी करने लगे। करीब 13 साल पहले दीपा ने वापस भारत आकर पास के गांव की लड़की के साथ लव मैरिज की और उसे भी कनाडा ले गया। इस समय दीपा के दो बच्चे हैं जबकि उसकी मां भी कनाडा में ही दोनों भाईयों के साथ रहते हैं। कुछ समय पहले ही मेजर सिंह ने अपनी पार्टनरशिप खत्म कर ली और गाखल के रहने वाले व्यक्ति के साथ कर ली। काफी लंबे समय से दीपा ड्रग तस्करी का काम कर रहा था। गांव गाखल का ही दीपा का जानकार अमरीक सिंह यूएसए का सिटिजन है जिसे उसने इस धंधे में कोरियर ब्वॉय बना कर उतार दिया।
गाखल में 2018 में करवाया था कबड्डी मैच
अमेरिका से ड्रग्स खरीद कर वह कनाडा में सप्लाई करने के लिए अमरीक सिंह की मदद लेता था। बताया जा रहा है कि दीपा काफी लंबे समय से इस धंधे में हैं। गांव के लोगों की मानें तो दीपा 15 सालों में 2 बार ही भारत आया था। आखिरी बार वह 1 अप्रैल 2018 को भारत आया था जिसने अपने गांव गाखल में कबड्डी का मैच करवाया था और दीपा उसमें प्रमोटर के तौर पर मौजूद थे। गांव के लोगों में दीपा गाखल के परिवार की काफी अच्छी इमेज बनी हुई है। किसी को भी यकीन नहीं कि दीपा ड्रग्स का धंधा कर रहा है। हालांकि कनाडा पुलिस मेजर सिंह की भूमिका को भी खंगाल रहा है।
गांव में बनाई है 15 मरले की कोठी
पंजाब केसरी टीम ने गाखल गांव में जाकर लोगों से बात की। यहां के लोगों की मानें तो परिवार शुरू से ही साधारण सा था। दीपा के पिता कब्बडी खिलाड़ी थे और ज्यादातर दुबई में रहे। बाद में वह काफी बीमार हो गए और उनकी मौत हो गई। गांव गाखल के लोगों की मानें तो पहले उनका गांव कब्बडी के खिलाड़ियों से जाना जाता था लेकिन पहले राजा कंदौला ड्रगस रैकेट में सुक्खा गाखल का नाम आया और अब दीपा गाखल का। यह काफी गंभीर बात है कि गांव का नाम अब नशे में आगे आने वाला है। लोगों ने माना कि कनाडा जाने से पहले दीपा का परिवार पांच मरले की जमीन पर बने घर में रहता था। 7 साल पहले ही उन्होंने वह घर बेच दिया और करीब 7 साल पहले गांव में ही 15 मरले की जमीन पर कोठी बनवाई। कोठी में दीपा गाखल के बुजुर्ग मामा और मामी रहते हैं। दीपा गाखल की कोठी में शुक्रवार को शाम के समय लाईटें तक बंद थी और किसी प्रकार की कोई अवाज तक नहीं आ रही थी।
पंजाबी युवकों विदेश ले जाने का देता था लालच
दीपा गाखल और उसका बडा भाई मेजर सिंह का नाम गांव के किसी भी विवाद में नहीं आया। एक हफ्ते पहले ही गांव के लोगों को पता लगा कि दीपा गाखल ड्रगस तस्करी के केस में पकड़ा गया। लोगों को इस लिए तुरंत जानकारी मिली क्योंकि गांव के 15 से 20 युवक कनाडा में हैं। बताया जा रहा है कि दीपा अपने धंधे में ज्यादातर पंजाबी युवकों को ही शामिल करने में होशियारी समझता था क्योंकि वह पंजाबी युवको को अपनी बातों में ले लेता था और उनकी लाईफ सैटल करने की बात करता था। दीपा ने कनाडा में भी अपनी काफी प्राप्र्टी बनाई है। कनाडा के ओंटारियो की पील रीजनल पुलिस नवंबर 2021 से इस ड्रगस रैकेट पर नजर रख रही थी और जैसे ही रैकेट के पास बड़ी खेप की जानकारी मिली तो रैकेट का पर्दा फाश कर दिया गया।
पहले भी ड्रग रैकेट में पकड़े जा चुके पंजाबी
गौरतलब है कि कनाडा में पंजाबियों की अपराधों में शामिल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जून 2021 में में कनाडा के सबसे बड़े ड्रग रैकट में 9 पंजाबियों को गिरफ्तार किया गया था। टोरंटो पुलिस ने 1 हजार किलोग्राम से अधिक ड्रग्स और नशीले पदार्थों सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। ड्रग्स और नशीले पदार्थ की इंटरनैशनल मार्केट में कीमत 61 मिलियन डॉलर (3.68 अरब रुपए) थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में 9 पंजाबी मूल के थे।
140 से ज्यादा अपराधों के लिए पंजाबियों पर केस दर्ज
कनाडा पुलिस ने जून 2021 में एक सप्ताह की लंबी जांच के बाद मेल चोरी और गलत तरीके सके अर्जित की गई 5000 डॉलर से अधिक की संपत्ति सहित 140 से अधिक अपराधों के लिए 16 पंजाबी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच पील क्षेत्रीय पुलिस के आपराधिक जांच ब्यूरो द्वारा की गई थी जिसमें जाली दस्तावेज, चोरी की संपत्ति के कब्जे और नियंत्रित पदार्थों के कब्जे की जांच भी शामिल थी। बाम्पटन, मिसिसॉगा और यॉर्क क्षेत्र के निवासियों पर इस मामले में विभिन्न अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
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