पंजाब
NDPS एक्ट के मामलों में शुरू की गई मुहिम तहत पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई
Shantanu Roy
9 Aug 2022 3:55 PM GMT
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चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने एन.डी.पी.एस. एक्ट के मामलों में शुरू की गई अपनी विशेष मुहिम के हिस्से के तौर पर एक माह के दौरान 141 भगौड़ों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी सोमवार को पंजाब पुलिस हैडक्वार्टर में आई.जी. डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने दी। डॉ. गिल ने नशा तस्करी के नए रूझानों संबंधी बताया कि नशों के सप्लायरों ने नशा-तस्करी को सुरक्षित ढंग से करने के लिए महिलाओं को इस घृणित कारोबार में शामिल करना शुरू कर दिया है। यह भी ध्यान में आया है कि नशा तस्कर आजकल तस्करी करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट बरतने को प्राथमिकता देने लगे हैं, जिनको ट्रैक करने के लिए और अधिक मानवीय सतर्कता की जरूरत होती है।
नशों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने एक सप्ताह के दौरान राज्यभर में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 354 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं, जिनमें 36 वाणिज्यिक मात्रा के मामले हैं। इन मामलों के संबंध में 472 नशा तस्करों/सप्लायरों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों से 5.53 किलो हैरोइन, 21.9 किलो अफीम, 21.5 किलो गांजा, 6 क्विंटल भुक्की और 1.46 लाख नशीली गोलियां/कैप्सूल/टीके/मेडिकल नशे की शीशियां बरामद करने के अलावा 23.37 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद की है। आई.जी. ने कहा कि पंजाब पुलिस नशा तस्करों/सप्लायरों पर शिकंजा कसने के अलावा युवाओं को नशों से दूर रखने और इन नशों का शिकार हो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है।
पंजाब पुलिस कराएगी बास्केटबॉल लीग
गिल ने कहा कि युवाओं को नशों के हानिकारक और बुरे प्रभावों से बचाने के लिए सभी सी.पी./एस.एस.पी. द्वारा अपने-अपने जिलों में नशों के विरुद्ध जागरूक करने के लिए सार्वजनिक बैठकें, नशा प्रभावित गांवों का दौरा, सैमीनार, विधायकों, सरपंचों और काऊंसलरों के साथ सांझी बैठके करने के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों और यूथ क्लबों को शामिल कर विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि नशों के विरुद्ध चल रही मुहिम के हिस्से के तौर पर बरनाला पुलिस द्वारा युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित करने और उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने के लिए चार दिवसीय बास्केटबॉल लीग अंडर-17 (लड़के) करवाई गई है। आई.जी. ने कहा कि युवाओं को जागरूक करने के साथ-साथ पुलिस टीमें नशों के शिकार लोगों को इस खतरे से दूर रहने के लिए काऊंसिलिंग और प्रेरित कर रही है और उनको इलाज के लिए ओ.ओ.ए.टी. सैंटरों में भेजकर उनको मुख्यधारा में वापिस लाने में मदद कर रही हैं।
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