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शुगर मिल धुरी की तरफ किसानों का गन्ने की फसल को लेकर 8 करोड़ का बकाया एक लंबे समय से चला आ रहा है
संबाददाता राजीव मेहता
पंजाब: शुगर मिल धुरी की तरफ किसानों का गन्ने की फसल को लेकर 8 करोड़ का बकाया एक लंबे समय से चला आ रहा है। किसानों ने समय-समय की सरकारों से इस बकाए को रिलीज कराने की मांग की, लेकिन अभी तक यह बकाया रिलीज नहीं हो पाया।
मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा भी सत्ता में आने से पहले किसानों को विश्वास दिलाया था, कि सरकार सत्ता में आने के बाद में सबसे पहला काम उनकी फसल का बकाया वापस दिलाने का करेगी, लेकिन अभी तक यह बकाया वापस नहीं हो पाया और मिल को बेचने की बात बाजार में आ गई, जिसको लेकर किसानों का गुस्सा शिखर पर पहुंच गया।
उन्होंने शुगर मिल को बेचने के लिए आए अधिकारियों और एक्साइज विभाग के अधिकारियों जिनके द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि सन 1974 से 46 करोड रुपए मिल की तरफ बकाया है। इसलिए मिल को बेचने से पहले उनका बकाया क्लियर किया जाए, को भी किसानों द्वारा मिल के अंदर बंदी बना लिया गया। अब तो मिल में काम करने वाले कर्मचारी ही बाहर आ जा सकते हैं, किसी भी सरकारी कर्मचारी को बाहर या अंदर आने की छूट नहीं है।
किसानों का शुगर मिल की तरफ गन्ने की फसल को लेकर 8 करोड़ पर बकाया है, लेकिन सरकार अभी तक इस पेमेंट को क्लियर नहीं करवा सकी। अब मिल को बेचने की बातें कर किसान को मूर्ख बनाया जा रहा है। इससे ऊपर एक्साइज कर्मचारियों को भेज दिया कि 1974 से उनका 46 करोड बकाया है।
मिल अब तक 1974 से तीन बार बिक चुका है, तब तो सरकार ने यह 46 करोड रुपया नहीं मांगा एकाएक इसकी मांग क्यों जब तक किसानों की पेमेंट नहीं हो जाती यह प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते समय यह वादा किया था कि उनका पेन किसानों की पेमेंट रिलीज कराने के लिए चलेगा, लेकिन अभी तक उनका पेन यह काम नहीं कर पाया।
किसानों को अपनी पेमेंट लेनी आती है, वह अपने ही ढंग से लेंगे, यह मूर्ख बनाने के लिए मिल को बेचने की बात कर रहे हैं। जबकि हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है साथ में एक्साइज कर्मचारियों को भेज दिया अपना बकाया लेने के लिए, अब क्या किसान पहले एक्साइज कर्मचारियों को 46 करोड़ इकट्ठा करके दें, बाद में अपनी पेमेंट सरकार से फिर इसी तरह मांगे। सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है एक्साइज कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी इसी तरह बंद रहेंगे जब तक हमारी पेमेंट का ठोस हल नहीं किया जाता।
शुगर मिल की नीलामी की डेट आज की रखी गई थी, और उनकी मैनेजमेंट से भी बात हो रही है, कि किसानों की पेमेंट को तुरंत रिलीज किया जाए। लेकिन इसके दरमियान एक्साइज विभाग द्वारा 46 करोड की पेमेंट की मांग की गई। अब यह देख रहे हैं कि इससे पहले यह पेमेंट क्यों नहीं मांगी गई अब तक शुगर मिल 3 बार बिक चुकी है रिकॉर्ड मंगवाया गया है कि एक्साइज विभाग द्वारा पहले यह पेमेंट क्यों नहीं मांगी गई।
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