भुवनेश्वर: ओडिशा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने धामनगर विधानसभा क्षेत्र में तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले बीजू जनता दल (बीजद) सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले के समय पर सवाल उठाए हैं.
भाजपा ने नवीन पटनायक नीत सरकार के इस कदम को ''उपचुनाव पूर्व नाटक'' करार दिया. वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सत्तारूढ़ बीजद के लिए मत सुरक्षित करने के मकसद से संविदा नियुक्ति को समाप्त किया है.
विधानसभा क्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा:
भाजपा नेता जे.एन. मिश्रा ने कहा कि जब-जब चुनाव होते हैं तो बीजद सरकार ऐसे फैसले लेती है. यह उपचुनाव से पहले किए जाने वाले नाटक का एक हिस्सा है. सत्तारूढ़ दल को धामनगर विधानसभा क्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य सरकार की नौकरियों में संविदा नियुक्ति को समाप्त करके 57,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. कैबिनेट की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके तहत राज्य सरकार प्रति वर्ष अतिरिक्त 1,300 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
मत इकट्ठा करने के लिए संविदा कर्मचारियों को नियमित किया:
मिश्रा ने आरोप लगाया कि बीजद सरकार 2013 से संविदा के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर अपनी गलती को सुधारने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जटानी विधायक सुरेश राउतरे ने भी पटनायक द्वारा इस फैसले के घोषणा के समय पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ऐसा फैसला क्यों नहीं किया? अब यह स्पष्ट हो गया है कि बीजद सरकार ने मत इकट्ठा करने के लिए संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है.
अधिक परिवारों ने इस फैसले का स्वागत किया:
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जयदेव जेना ने कहा कि यह युवा मतदाताओं को लुभाने और धामनगर उपचुनाव जीतने के लिए बीजद द्वारा चली गई एक चाल है. बीजद विधायक एस.बी. बेहरा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि राज्य भर के 57,000 से अधिक परिवारों ने इस फैसले का स्वागत किया है.