भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने मौसम कार्यालय की ओर से कोई पूर्वानुमान नहीं होने के बावजूद अपने अधिकारियों से अगले दो महीनों में संभावित चक्रवातों के लिए तैयार रहने को कहा है.
मुख्य सचिव एससी महापात्र ने सोमवार को राज्य स्तरीय चक्रवात तैयारियों की बैठक में संबंधित अधिकारियों को सभी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया. ओडिशा को अक्टूबर और नवंबर में और कभी-कभी 15 दिसंबर तक भी गंभीर चक्रवाती तूफान का सामना करना पड़ता है. राज्य में इस ढाई महीने को ''चक्रवात का मौसम'' माना जाता है.
गर्मियों के दौरान चक्रवात का कारण बना:
उन्होंने कहा कि ओडिशा आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में मानसून की वापसी के दौरान चक्रवातों के प्रकोप का गवाह बनता है. ओडिशा की भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिवर्तन भी 2019 के बाद से गर्मियों के दौरान चक्रवात का कारण बना है. बैठक में शामिल हुए क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 15 दिनों तक इस तरह के किसी भी चक्रवात का पूर्वानुमान नहीं किया है, जबकि चक्रवाती तूफान के लिए अनुकूल परिस्थितियां भी हैं.
शहरी क्षेत्रों के सभी नलकूप चालू हालत में रहें:
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी व्यवस्था करने को कहा. महापात्र ने उपकरण तैयार रखने के अलावा अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी नलकूप चालू हालत में रहें. उन्होंने अधिकारियों से गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की एक सूची तैयार करने को भी कहा ताकि आपात स्थिति में उनकी आसानी से पहचान की जा सके और उन्हें बचाया जा सके.
आवश्यक उपायों पर भी जोर दिया:
उन्होंने तटीय जिलों में रहने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और चक्रवात संभावित क्षेत्रों में समुद्र के तटबंधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों पर भी जोर दिया. महापात्र ने अधिकारियों को दवाओं के भंडारण और एम्बुलेंस तथा डॉक्टरों को पूरी तैयारी में रहने का भी निर्देश दिया. बैठक में विभिन्न विभागों के सचिवों और दमकल सेवा, ओडिशा आपदा मोचन बल (ओडीआरएएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों ने भाग लिया.