मणिपुर

भारत की सुशीला देवी लिकमाबाम का गोल्ड हाथों से फिसला लेकिन उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा

Nidhi Markaam
3 Aug 2022 2:49 PM GMT
भारत की सुशीला देवी लिकमाबाम का गोल्ड हाथों से फिसला लेकिन उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 जूडो के 48 किलोग्राम फाइनल में भारत की सुशीला देवी लिकमाबाम का गोल्ड हाथों से फिसला लेकिन उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा, फाइनल में सुशीला का सामना साउथ अफ्रीका की मिचेला व्हाइटबोई से था, जिन्होंने गोल्ड पर कब्जा जमाया।

देश के लिए सिल्वर लाने पर सुशीला देवी लिकमबम को प्रधानमंत्री ने बधाई दी है। फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए पीएम ने कहा कि सुशीला देवी द्वारा असाधारण प्रदर्शन से उत्साहित हैं। रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उसने उल्लेखनीय कौशल और लचीलापन का प्रदर्शन किया है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।
जानकारी दे दें कि दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला 4 मिनट 25 सेकेंड तक चला। मुकाबले के दौरान दोनों खिलाड़ियों को पेनल्टी के तौर पर 2-2 अंक मिले. जिसके बाद गोल्डन अंक के जरिए फैसला हुआ। साउथ अफ्रीका की मिचेला व्हाइटबोई ने वजा-आरी स्कोरिंग के तहत 1 अंक।
सुशीला ने सेमीफाइनल में मॉरिशस की प्रिसिल्ला मोरांद को इपपोन से हराया था। उससे पहले सुशीला ने क्वार्टर फाइनल में मालावी की हैरियट बोनफेस को हराया था। 27 साल की जुडोका सुशीला देवी इससे पहले भी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत चुकी थीं।
साल 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में वह इस इवेंट में भारत के लिए रजत पदक जीतने में ही कामयाब हुई थीं। इसके साथ ही सुशीला देवी कॉमनवेल्थ गेम्स के जूडो इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं।


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