महाराष्ट्र

शिंदे सरकार में कौन होगा नाशिक जिले का पालकमंत्री, इन मंत्रियों के नाम की चर्चा

Rani Sahu
11 Aug 2022 11:41 AM GMT
शिंदे सरकार में कौन होगा नाशिक जिले का पालकमंत्री, इन मंत्रियों के नाम की चर्चा
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देर से ही सही राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) का विस्तार होने के बाद अब मंत्रालय वितरण को लेकर खींचतान के साथ-साथ नाशिक जिले का पालकमंत्री (Guardian Minister) कौन होगा
नाशिक : देर से ही सही राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) का विस्तार होने के बाद अब मंत्रालय वितरण को लेकर खींचतान के साथ-साथ नाशिक जिले का पालकमंत्री (Guardian Minister) कौन होगा, इसे लेकर जंग शुरु हो गई है। राज्य के महत्त्व जिलों में से एक नाशिक जिले से मंत्रिमंडल में किसे स्थान मिलेगा, इसे लेकर चर्चाएं खूब हुई और अंतत दादा भूसे को एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में स्थान मिला। भूसे को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने के बाद यह चर्चा जोरशोर से जारी है कि नाशिक जिले का पालक मंत्री कौन बनेगा। इस पद के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन (Girish Mahajan) के अलावा महाविकास विकास आघाड़ी सरकार में कृषि मंत्री रहे दादा भूसे (Dada Bhuse) या बीजेपी के एक अन्य नेता राधाकृष्ण विखे पाटील (Radhakrishna Vikhe Patil) के बीच जंग जारी है।
गिरीश महाजन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी बताए जाते हैं। महाजन पहले भी नाशिक जिले के पालक मंत्री रह चुके हैं, दादा भुसे वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेहद करीबी हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि पालक मंत्री के पद पर दाका भुसे की नियुक्ति हो सकती है। राजनीतिक जानकारों का दावा है कि गिरीश महाजन का पला भारी है। कुछ लोग तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस पर इस बार गिरीश महाजन नाशिक जिले के पालक मंत्री के रूप में ध्वजारोहण करेंगे।
18 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
महाविकास अघाड़ी को चौंकाते हुए एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की मदद से शिवसेना के चालीस विधायकों के साथ एक अलग गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल की है। देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के साथ 30 जून को उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, उसके बाद 9 अगस्त को 18 लोगों ने मंत्री पद की शपथ दिलायी गी। शपथ लेने वाले 18 विधायकों में शिंदे समूह और बीजेपी के नौ-नौ विधायक हैं। राजस्व राशि की प्राप्ति और अग्रणी राजनीति के मामले में नाशिक और जलगांव के महत्वपूर्ण जिले बहुत आगे माने जाते हैं, ऐसे में नाशिक जिले का पालक मंत्री का पद पाने की होड़ मची रहती है।
दादा भुसे के घुलिया जिले का पालकमंत्री पद दिया जाए
मालेगांव के विधायक दादा भुसे नाशिक जिले का पालक मंत्री बनना चाहते हैं। जानकारों का दावा है की गिरीश महाजन भी नाशिक जिले का पालक मंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए बहुत संभावना है कि गिरीश महाजन को नाशिक जिले का पालक मंत्री पद मिले और दादा भुसे को किसी और जिले का पालक मंत्री बनाया जाए, वैसे जानकारों का दावा है कि दादा भुसे के घुलिया जिले का पालक मंत्री पद दिया जाए।
जलगांव जिले में शिवसेना के पांच विधायक
नाशिक जिले के पालक मंत्री पद की दौड़ में गिरीश महाजन और दादा भुसे के आलावा जो एक अन्य नाम सामने आ रहा है, वह है राधाकृष्ण विखे पाटिल। राधाकृष्णा विखे पाटिल भी नाशिक जिले का पालक मंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन इनको नाशिक जिले का पालक मंत्री पद मिलना मुश्किल ही लग रहा है। हालांकि विखे पाटिल के कुछ करीबी लोगों का कहना है कि विखे पाटिल नाशिक नहीं बल्कि अहमदनगर जिले का पालक मंत्री बनने के इच्छुक हैं क्योंकि वर्तमान माहौल नगर जिले पर राजनीतिक पकड़ हासिल करने के लिए उपयुक्त है, जो भौगोलिक रूप से राज्य में सबसे बड़ा है। जलगांव जिले में शिवसेना के पांच विधायक हैं। खासकर सभी पांच विधायक शिंदे गुट में हैं। इनमें मंत्री पद पाने के लिए गुलाबराव पाटिल जलगांव के लिए इच्छुक हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि पाटिल जलगांव का पालक मंत्री पद का दावा कर सकते हैं। गिरीश महाजन पूर्व में नाशिक जिले के पालक मंत्री रह चुके हैं, ऐसे में उन्हें एक बार फिर नाशिक जिले के पालक मंत्री पद की कुर्सी पर विराजित किया जा सकता है।
नासिक जिले की राजनीति में अच्छी पकड़
निकट भविष्य में नाशिक महानगरपालिका के अलावा राज्य की नगरपालिका, जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में नाशिक जिले का पालक मंत्री का पद उसे ही दा जाएगा, जिसकी न केवल नाशिक जिले की राजनीति में अच्छी खासी पकड़ हो, बल्कि वह जनता के बीच अच्छी पकड़ रखता हो। गिरीश महाजन की सक्रियता के कारण ही 2017 में नाशिक महानगरपालिका समेत जिले के अंतर्गत आने वाली नगरपालिकाओं में बीजेपी की सत्ता में आई थी।
शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में प्रो. देवयानी फरांदे को महिला और बाल कल्याण मंत्री का पद मिलने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि बहुत से लोगों का आश्चर्य है कि पहले शपथ ग्रहण में देवयानी फरांदे को मंत्री पद की शपथ क्यों नहीं दिलायी गई। जिनका का नाम पहले विस्तार में नहीं आया, उनको दूसरे विस्तार में मंत्रिमंडल में जरूर स्थान मिलेगा।

सोर्स- नवभारत.कॉम

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