महाराष्ट्र

भारतीय नौसेना के बेड़े में जुड़ेगा 'तारागिरी'

Shantanu Roy
7 Sep 2022 3:59 PM GMT
भारतीय नौसेना के बेड़े में जुड़ेगा तारागिरी
x
बड़ी खबर
मुंबई। माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड परियोजना 17ए 'तारागिरी' के तीसरे पोत को 11 सितंबर को लांच किया जाएगा। इस पोत को एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है। तारागिरी की कील 10 सितंबर 2020 को रखी गई थी और अगस्त 2025 तक इसे भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। पोत को लगभग 3,510 टन वजन के साथ लांच किया जाएगा। पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डिजाइन संगठन, नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया है। एमडीएल विस्तृत डिजाइन और निर्माण कार्य कर रहा है, जिसकी देखरेख युद्धपोत निर्माण दल (मुंबई) द्वारा किया जाता है।
149.02 मीटर लंबा
दो गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित 149.02 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा पोत लगभग 6,670 टन (विस्थापन के साथ) वजनी है। इसकी गति 28 समुद्री मील से अधिक होगा। पी17ए फ्रिगेट के तल निर्माण में प्रयोग किया जाने वाला स्टील स्वदेश में विकसित 'डीएमआर 249ए' है जो सेल द्वारा निर्मित लो कार्बन माइक्रो एलॉई ग्रेड स्टील है। स्वदेश में डिजाइन किए गए इस स्टील्थ फ्रिगेट में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्व स्तरीय 'मॉड्यूलर' रहने की जगह, परिष्कृत बिजली वितरण प्रणाली और कई अन्य उन्नत सुविधाएं होंगी। इसे सतह से सतह पर मार करने वाली सुपर सोनिक मिसाइल प्रणाली से लैस किया जाएगा।
75% स्वदेशी सामग्री
पी17ए फ्रिगेट में स्वदेशी सामग्री लगभग 75% हैं जो अपने पहले के P17 शिवालिक श्रेणी के जहाजों से एक पायदान ऊपर है। जहाज को देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई से प्राप्त बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी के साथ तैयार किया गया है। स्वदेशीकरण के प्रयासों को सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति के साथ नए सिरे से जोर मिला, जिससे स्थानीय और साथ ही अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार के अवसरों के सृजन के साथ-साथ सहायक उद्योगों का विकास हुआ और इस तरह अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। एमडीएल के पास वर्तमान में एक साथ 10 कैपिटल वॉरशिप और 11 सबमरीन बनाने की कुल क्षमता है।
Next Story