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महाराष्ट्र
पुणे के किसान ने APMC में बेचा 801 Kg फूलगोभी, मिले सिर्फ 9.50 रुपए
Rani Sahu
27 Aug 2022 10:28 AM GMT
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पुणे के किसान ने APMC में बेचा 801 Kg फूलगोभी
-राजीत यादव
नवी मुंबई: वाशी (Vashi) स्थित एपीएमसी (APMC) की सब्जी मंडी में पुणे (Pune) के एक किसान (Farmer) ने व्यापारी के पास 801 किलो फूलगोभी (Cauliflower) बेचने के लिए भेजा था। जिसे बेचने के बाद व्यापारी द्वारा किसान को सिर्फ 9 रुपए 50 पैसे का चेक दिया गया। जिसे किसान से व्यापारी को वापस लौटा दिया है। एपीएमसी की मंडियों में इस तरह से फसल का दाम मिलने पर किसान आत्महत्या नहीं, तो क्या करेगा यह गंभीर प्रश्न है। जिसका जवाब शासन और प्रशासन को ढूंढना होगा।
उक्त घटना पुणे जिले के शिरूर के किसान किसन बाबूराव फराटे के साथ हुई। फराटे ने 11 अगस्त 2022 को 17 बोरी में 801 किलो फूलगोभी बेचने के लिए वाशी की सब्जी मंडी में सूर्यकांत रघुनाथ शेवाले नामक व्यापारी के पास भेजा था। सब्जी मंडी में शेवाले की D518 क्रमांक की दुकान है। उन्होंने किसन की फूलगोभी को बेचने के बाद उसे 9 रुपए 50 पैसे भेजे थे। शेवाले के किसन को फूलगोभी बेचने पर 2,684 रुपए मिलने की बात चालान के माध्यम से बाताई। इस राशि से शेवाले ने 2403 रुपए फूलगोभी लाने का किराया, 204 रुपए उसे चढ़ाने व उतारने की मजदूरी और 68 रुपए तौलाई पर खर्च बताते हुए कुल 2675 रुपए काटा गया। जिसकी वजह से किसान की झोली में सिर्फ 9 रुपए 50 पैसे ही आए। जिसे उसने व्यापारी को लौटा दिया है।
20 से 25 रुपए किलो था थोक में दाम
सबसे चौकाने वाली बात यह है कि वाशी स्थित एपीएमसी की बाजार समिति द्वारा 11 अगस्त को जारी फूल का बाजार भाव 20 से 25 रुपए प्रति किलो था, जिसके हिसाब से फराटे को कम से कम 16 हजार रुपए मिलना चाहिए था, लेकिन उसी दिन शिरूर के किसान फराटे को व्यापारी द्वारा फूलगोभी का भाव 3।35 रुपए प्रति किलो की दर से दिया गया। इसके हिसाब से फराटे की फूलगोबी को कुल 2,684.50 रुपए हुए थे, जिसमें से सारा खर्च काटने के बाद व्यापारी ने फराटे को 9 रुपए 50 पैसे भेजे थे।
किसान बदहाल, व्यापारी मालामाल
गौरतलब है कि देश भर की एपीएमसी किसानों के दम पर चल रही है, किसान अपने उत्पाद को मंडी में भेजना बंद कर दे, तो मंडी में कारोबार करने वाले व्यापारियों को घर बैठना पड़ेगा। किसान के जीवन पर चलने वाली मुंबई कृषि उपज मंडी समिति में किसान को गारंटीड मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों द्वारा भेजी गई कृषि उपज का लाखों रुपए व्यापारियों द्वारा बकाया रखा जाता है। जिसे पाने के लिए किसानों को व्यापारियों के पास चक्कर लगाने पड़ता है। ऐसे किसानों को मामूली राशि देकर व्यापारी उनके खून-पसीने की कमाई को लूटने में लगे हुए हैं। जिसकी वजह से किसान बदहाल हैं और व्यापारी मालामाल हैं। मुंबई एपीएमसी की सब्जी मंडी के सदस्यों और प्रशासन भी किसानों की अनदेखी कर रही है। जिसकी वजह से कई बार किसान हताश होकर आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाता है।
Rani Sahu
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