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महाराष्ट्र
कुदरत का कहर: रायगढ़ में 4 जगह लैंडस्लाइड, देखें वीडियो
jantaserishta.com
23 July 2021 2:44 AM GMT
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महाराष्ट्र (Maharashtra Flood) में मॉनसून का मौसम आफत लेकर आया है. राज्य के कई इलाकों में हो रही बरसात के कारण कई जगहों पर बाढ़ (Flood) जैसे हालात बन गए हैं. कई जिले पानी-पानी हो गए हैं और अभी भी हालात सुधरते हुए नहीं दिख रहे हैं. मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए कोंकण कोस्ट के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
महाराष्ट्र के ठाणे, पालघर समेत आसपास के इलाकों में बारिश के कारण भयावह हालात हैं. पालघर में बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि पालघर-ठाणे में लगातार हुई बरसात से ट्रांसपोर्ट पूरी तरह अस्त-वस्त हो गया है.
महाराष्ट्र के कलई गांव में लैंडस्लाइड होने के कारण कई लोगों के फंसने की खबर है. हर जगह पानी होने के कारण स्थानीय प्रशासन को यहां तक पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ा. ऐसे में महाड में फंसे लोगों को निकालने के लिए आर्मी तक की मदद लेनी पड़ी. रायगढ़ में अलग-अलग 4 जगह लैंडस्लाइड होने से कई लोग फंस गए हैं, 15 लोगों को निकाला गया है और 30 अभी भी फंसे हुए हैं.
NDRF team shifting locals to safe areas in Maharashtra's Kolhapur. #Maharashtraflood pic.twitter.com/X9KlhCE1OV
— Shivangi Thakur (@thakur_shivangi) July 23, 2021
6 हज़ार लोग फंसे, रेस्क्यू जारी
बारिश के कारण हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि कोकंण रेल रूट पर सर्विस ठप ठोने के कारण करीब 6 हज़ार यात्री फंस गए हैं. रत्नागिरी जिले में बारिश के कारण रेल सर्विस बंद हो गई थी, इसी वजह से ये यात्री यहां पर ही फंस गए. अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए एजेंसियां जुट गई हैं. एनडीआरएफ की कई टीमों को यहां पर तैनात किया गया है, जो रेस्क्यू में जुटी हैं.
इन इलाकों में सबसे अधिक बारिश
जिन इलाकों में सबसे अधिक बारिश देखने को मिल रही है उनमें चिपलून, कोल्हापुर, सतारा, अकोला, यवतमाल, हिंगोली जैसे जिले हैं. इनके अलावा ठाणे, पालघर में अभी भी तेज़ बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.
महाराष्ट्र में बिगड़े हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी. प्रधानमंत्री ने स्थानीय स्थिति का जायजा लिया और राज्य को हर संभव मदद की बात कही.
कुछ ऐसा है महाराष्ट्र के चिपलून का हाल...
महाराष्ट्र का चिपलून इलाका लगातार बारिश के बाद ऐसा लग रहा है कि मानो चिपलून बारिश में डूब गया है. यहां का बस अड्डा पूरी तरह पानी में डूब गया, हाल ये है कि बसों की सिर्फ छत दिख रही है. बारिश ने चिपलून में ऐसा तांडव किया है कि लोग अपने घर में भी बस बाढ़ में नहीं बहने की कोशिश कर रहे हैं.
यहां पर लहरें घरों की पहली मंजिल छूने पर अमादा हैं. दूर-दूर तक पानी के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा, इस इलाके में दो एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है, इसके अलावा कोस्ट गार्ड बोट से लोगों को रेस्क्यू कर रहे हैं. बता दें कि चिपलून को दक्षिण कोंकण का बिजनेस हब माना जाता है. रत्नागिरी जिले में आने वाले चिपलून से सटे खेड और मंगोन जैसे इलाके भी बाढ़ से डूबे हैं, करीब 27 गांवों का संपर्क बाहर से टूट गया है.
महाबलेश्वर में फंस गए टूरिस्ट
चिपलून से इतर ऐसा ही हाल सातारा शहर का है, ऐसी भंयकर बारिश हुई है कि हाईवे ही बाढ़ में समा गए हैं. सातारा के महाबलेश्वर हिल स्टेशन पर 480 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा है. महाबलेश्वर का सातारा से संर्पक टूट गया है क्योंकि दोनों को जोड़ने वाला रास्ता पूरा बह गया है. मुसीबत ये है कि इस मौसम में काफी पर्यटक महाबलेश्वर की बारिश को देखने के लिए आए थो जो यहां फंस गए हैं, रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई है.
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