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नागपुर. मोमिनपुरा में समाज के उत्थान को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से अध्यापन के उपयोगी लाइब्रेरी तैयार करने लिए वर्ष 1923 में लीज पर जमीन आवंटित की थी. हालांकि शुरुआत में लीज की शर्तों के अनुसार ही इसका उपयोग किया गया किंतु बाद में धीरे-धीरे जमीन के कुछ हिस्से को या तो किराये पर दिया गया या फिर अन्य उपयोग में लाया गया. इससे शर्तों का उल्लंघन किए जाने के कारण 80 के दशक से ही लीज का नवीनीकरण करना बंद कर दिया था.
पहले सरकार के पास और बाद में न्यायिक लड़ाई चलती रही. अब दिवानी न्यायालय में इसका निपटारा हो जाने की जानकारी उजागर किए जाने के बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश अविनाश घरोटे ने मुस्लिम लाइब्रेरी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी. निचली अदालत में लंबित सुनवाई जल्द कराने के लिए मुस्लिम लाइब्रेरी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस पर हाई कोर्ट ने 20 अक्टूबर तक फैसला सुनाने के आदेश दिए थे.
सांसद ने आवंटित की है निधि
मनपा का मानना था कि मुस्लिम लाइब्रेरी ने लीज की शर्तों का उल्लंघन तो किया ही है. अब मनपा ने इसी जगह पर अत्याधुनिक लाइब्रेरी और समाज भवन तैयार करने का प्लान बनाया है जिसके लिए सांसद निधि भी आवंटित की गई है. अत: जमीन का उपयोग नहीं बदला जा रहा है बल्कि मुस्लिम लाइब्रेरी से लीज की जमीन वापस ली जा रही है. स्थानीय लोगों के उपयोग के लिए ही इस जमीन पर विकास होगा. मनपा ने यहां किए गए अतिक्रमण और मुस्लिम लाइब्रेरी का सामान निकाल दिया था. मनपा की इस कार्रवाई पर रोक तो लगा दी गई थी किंतु लीज रद्द किए जाने के मुद्दे पर भी सुनवाई हुई. इसमें मनपा द्वारा नियमों के अनुसार लीज रद्द किए जाने का फैसला निचली अदालत ने सुनाया.
15 दिनों की मिली थी राहत
उल्लेखनीय है कि मनपा ने लीज रद्द किए जाने के बाद मुस्लिम लाइब्रेरी का पूरा परिसर अपने अधिकार में ले लिया था. इसी तरह से आवंटित जमीन पर बने एमएलसी कैंटीन और अन्य बिरयानी सेंटर का अतिक्रमण भी पूरी तरह से साफ कर दिया था. मनपा की कार्रवाई को जिला सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई थी जिस पर सत्र न्यायाधीश ने अपील ठुकरा दी. इस आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिला सत्र न्यायालय ने लीज रद्द कर मनपा को अधिकार तो प्रदान कर दिया लेकिन 15 दिनों तक स्थिति को 'जैसे थे' बनाए रखने के आदेश भी दिए जिससे हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर अब 14 नवंबर तक जवाब दायर करने के आदेश मनपा को दिए थे. किंतु गुरुवार को याचिका ही खारिज कर दी गई.
सोर्स - नवभारत.कॉम
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