महाराष्ट्र

उद्धव ठाकरे पर मंत्री गिरीश महाजन ने कसा तंज

Rani Sahu
23 Sep 2022 11:15 AM GMT
उद्धव ठाकरे पर मंत्री गिरीश महाजन ने कसा तंज
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पिंपरी: अब तक 40 विधायक और 12 सांसद शिवसेना छोड़ चुके हैं। बाकी शिवसेना (Shiv Sena) भी उनके हाथ से फिसल रही है। इसलिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सिर्फ अपना वजूद दिखाने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनाव (Gram Panchayat Election) के नतीजों के मुताबिक शिवसेना के पार्टी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का दल आखिरी पायदान पर है। यह बताकर राज्य के ग्राम विकास और पंचायत राज मंत्री गिरीश महाजन (Minister Girish Mahajan) ने पिंपरी-चिंचवड में पत्रकारों से की गई बातचीत में ठाकरे को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी।
भारत सरकार के पंचायत राज विभाग के माध्यम से पुणे जिला परिषद की ओर से चिंचवड के प्रो. रामकृष्ण मोरे प्रेक्षागृह में स्वच्छ हरित गांव और पानी समृद्ध गांव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। राज्य के ग्राम विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरीश महाजन इस कार्यशाला में भाग लेने वाले सरपंचों या प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन करने पहुंचे थे।
महाविकास आघाड़ी सरकार पर लगाया ये आरोप
यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि महाविकास आघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के कारण वेदांत परियोजना को छोड़ दिया गया था, जिनकी रुचि केवल वाइनरी और शराब पर टैक्स को कम करने में थी। उन्होंने यह आलोचना भी की है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और शरद पवार को वेदांत परियोजना को लेकर बैठक करने का समय नहीं मिला। मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि हमारे समय में वेदांत यहां से शिफ्ट नहीं हुआ है। 5 जनवरी को सरकार को पत्र दिया गया था, जिस पर छह महीने तक कुछ नहीं किया। कोई बैठक नहीं हुई। इसलिए महाविकास आघाड़ी को आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है, बल्कि इसकी आलोचना की बजाय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। यह परियोजना इसलिए महाराष्ट्र से चली गई है क्योंकि महाविकास आघाड़ी ने छह महीने तक कोई जवाब नहीं दिया।
लोग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में दिख रहे
गिरीश महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते उद्धव ठाकरे ने घर नहीं छोड़ा। मंत्रालय की सीढ़ियां नहीं चढ़े। अपने विधायकों, सांसदों तक से बातचीत नहीं की। इसलिए उनमें उदासीनता थी। केवल भड़काऊ भाषण दिए गए। अब तक 40 विधायक और 12 सांसद जा चुके हैं। बाकी शिवसेना भी हाथ से निकल रही है। लोग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में दिख रहे हैं।
वजूद बचाने के लिए अंतिम प्रयास कर रहे उद्धव ठाकरे
महाजन ने कहा कि उद्धव ठाकरे परेशान हैं क्योंकि अब कुछ नहीं बचा है। कल की बैठक में अपने भाषण में वह तेजतर्रार थे। मगर वे सिर्फ लोगों को अस्तित्व दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि उनके पास कुछ नहीं बचा है। उद्धव ठाकरे ने हालिया बीजेपी नेता अमित शाह को चुनौती दी थी कि अगर चुनाव एक महीने के भीतर होता है, तो सारी हकीकत सामने आ जाएगी। इस पर पलटवार करते हुए महाजन ने कहा कि ठाकरे की पार्टी ग्राम पंचायत चुनाव के परिणामों में सबसे अंत में नजर आयी है। इस संबंध में आत्मनिरीक्षण किया जाना चाहिए। ठाकरे ने अपने कार्यकाल में कुछ खास नहीं किया, लेकिन अब वे वजूद बचाने के लिए अंतिम प्रयास कर रहे हैं। उन्हें चाहिए कि वे आत्मनिरीक्षण से धैर्य रखें। दशहरा सभा के लिए भी उन्हें दूसरे क्षेत्र की ओर देखना पड़ रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि जलयुक्त शिवार योजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, बल्कि हमें क्लीन चिट मिली है और गांवों को भी योजना का लाभ मिला है।
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