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मुंबई। राज्य की पिछली उध्दव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली कांग्रेस -राकांपा की महाविकास आघाड़ी सरकार में बंद हुई उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार योजना का फिर से आगाज होने जा रहा है. इस योजना को राज्य में दोबारा शुरू करने का शिंदे -फडणवीस सरकार ने पूरा मन बनाया है इसी कड़ी में आगामी 15 दिन के भीतर राज्य सरकार की तरफ से जीआर निकाला जाएगा।सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है.जलयुक्त शिवार योजना जीआर निकलने के बाद आगामी 19 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने जा रहे है शीतकालीन सत्र (winter session) में योजना के निधि के लिए पूरक मांग की जाएगी। इस योजना के तहत साल 2014 से 2019 के बीच 22 हजार गांव को सूखा मुक्त किया गया था जबकि दोबारा शुरू होने के बाद इस योजना के तहत साल 2024 तक पांच हजार और गाँव को सूखा मुक्त करने का टारगेट सरकार ने रखा है.योजना से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने पर बताया की राज्य में जलयुक्त शिवार योजना से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिला है जिसे किसानों के हित में देखते हुए शिंदे -फडणवीस की सरकार ने दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया हैं.आने वाले 15 दिन के भीतर शासन निर्णय लिया जाएगा।योजना के लिए उपयोग होने वाली निधि को लेकर शीतकालीन सत्र में पूरक मांग की जाएगी।
साल 2024 तक 5 हजार गांव और होंगे सूखा मुक्त
देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार योजना के तहत साल 2015 से 19 तक राज्य के 27 हजार गांव को सूखा मुक्त किया जा चुका है.अब जब योजना दोबारा शुरू होने जा रही है तो साल 2022 से 2024 तक इन दो साल में 5 हजार गाँव और सूखा मुक्त करने का टारगेट मौजूदा सरकार ने लिया है.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने बंद कर दिया था योजना
नवंबर 2019 में उध्दव ठाकरे के नेतृत्व में कांग्रेस -राकांपा की महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद योजना में भ्रष्टाचार हुआ है ऐसा आरोप लगाकर साल 2020 में योजना को बंद कर दिया गया था.तत्कालीन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी ने कैग के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जांच की मांग की थी.कांग्रेस का आरोप था कि पूरे योजना में खर्च किए गए निधि की जांच होनी चाहिए।कांग्रेस के इस मांग के बाद उद्धव ठाकरे सरकार जांच तो नहीं बैठाई लेकिन योजना को बंद कर दिया था.
जलयुक्त शिवार क्या है
महाराष्ट्र में लगातार सूखे की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य की तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली युति सरकार ने दिसंबर 2014 में इस योजना की शुरुआत की थी इस परियोजना का उद्देश्य, व्यवस्थित तरीके से सर्वाधिक सूखा प्रभावित गाँवों में जल की कमी को दूर करना था महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ सहित राज्य का लगभग 52 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र सूखे से प्रभावित।इस 52 फीसदी सूखे जमीन को सूखा मुक्त करने के उद्देश्य से फडणवीस ने यह योजना शुरू किया था. इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा जल संसाधनों जैसे- नहरों, बाँधों और तालाबों में मानसून के दौरान अधिकतम वर्षा वाही-जल को संरक्षित करना था योजना के पहले चरण के दौरान प्रति वर्ष 5,000 गांवों को सूखा मुक्त बनाने की परिकल्पना की गई थी। जबकि साल 2015 से 19 के बीच करीब 22 हजार को सूखा मुक्त किया गया है.
देवेन्द्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी योजना, जलयुक्त शिवार
साल 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य को सूखा मुक्त करने के लिए इस महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार योजना की शुरुआत की थी. योजना शुरू करने का उनका उद्देश्य राज्य के एक बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिलाना। सरकार का मानना है कि किसानों को आत्महत्या करने से रोकने लिए उन्हें खेती के लिए पानी मुहैया कराना बेहद जरूरी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस की इस महत्वाकांक्षी योजना का पूरे देश में चर्चा हुई कई राज्य सरकार ने इस योजना को अपने राज्य में लागू कर करने की बात कही थी.इस योजना पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर पालक मंत्रियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस योजना के लिए चालू वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अलावा शिर्डी साईं संस्थान और सिद्धिविनायक मंदिर न्यास ट्रस्ट सहित अन्य कई ट्रस्ट ने योजना के लिए निधि दिए है.फडणवीस सरकार के इस योजना के माध्यम से गांवों को सीमेंट के नाले और नहरों से जोड़ने का काम किया उसके बाद बारिश की पानी को यहाँ एकजुट कर फसल के सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
Source : Hamara Mahanagar
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
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