महाराष्ट्र

पहले परियोजना की जगह दिखाओ, फिर करो आंदोलन

Rani Sahu
23 Sep 2022 1:06 PM GMT
पहले परियोजना की जगह दिखाओ, फिर करो आंदोलन
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मुंबई। शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) वेदांता-फॉक्सकॉन (Vedanta-Foxconn) सेमीकंडक्टर परियोजना के गुजरात जाने के विरोध में 24 सितंबर को पुणे के तलेगांव में जन आक्रोश आंदोलन करेंगे। इस पर भाजपा ने उन्हें आड़े हाथ लिया है। भाजपा ने कहा कि आदित्य ठाकरे पहले परियोजना की जगह दिखाएं, फिर आंदोलन करें।
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये (Keshav Upadhyay) ने कहा कि इस परियोजना को लेकर ठाकरे सरकार ने ढाई साल में कुछ नहीं किया। इसके सबूत खुद आदित्य ठाकरे शनिवार को तलेगांव के समीप आंदोलन कर देने वाले हैं। उपाध्ये ने आदित्य को चुनौती देते हुए कहा कि पहले वे परियोजना की जगह दिखाएं, उसके बाद आंदोलन करें। उन्होंने कहा कि तलेगांव में भूमि अधिग्रहण फॉक्सकॉन की तय परियोजना के लिए नहीं, बल्कि एमआईडीसी के लिए तय चौथे चरण की परियोजना के लिए किया गया था। यह जमीन फॉक्सकॉन परियोजना के लिए है, ऐसा संबंधित जमीन मालिकों को पता ही नहीं है, इसलिए परियोजना के लिए तय स्थान व इससे संबंधित अधिकृत सरकारी रिकॉर्ड पहले ठाकरे दिखाएं। उन्होंने कहा कि ठाकरे पिता पुत्र को महाराष्ट्र की जानकारी नहीं है। पिता द्वारा अर्जित विरासत से राज्य पर अधिकार बताने वाले ठाकरे परिवार ने अपनी सत्ता के दौरान फॉक्सकॉन परियोजना के लिए वास्तव में कोई स्थान अधिसूचित किया होता, तब भी इस परियोजना के लिए कुछ श्रेय उन्हें मिलता, लेकिन बंदरबांट और हिस्से के नाम पर अलग ही कुछ होने से फॉक्सकॉन ने महाराष्ट्र से अपना हाथ पीछे कर दिया।
आदित्य ठाकरे से पांच सवाल
उपाध्ये ने आदित्य ठाकरे से पांच सवाल करते हुए कहा कि फॉक्सकॉन परियोजना तलेगांव के पास लगने वाली थी, ऐसा आदित्य ठाकरे बार बार कह रहे हैं। जिस कारण, तलेगांव में कौन सी जगह इस परियोजना के लिए ठाकरे सरकार ने दी थी? इस संबंध में कौन सा विशिष्ट स्थान राजस्व विभाग में पंजीकृत किया गया था? इस परियोजना के लिए ठाकरे सरकार ने कितनी बार आधिकारिक बैठक की? इसमें क्या बातचीत हुई? ठाकरे सरकार ने इस परियोजना के लिए वेदांता फॉक्सकॉन को कौन सी सहूलियत दी? इन प्रश्नों का उत्तर आदित्य ठाकरे, आंदोलन से पहले महाराष्ट्र को देना होगा। उन्हें पहले से यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जिस स्थान पर वे विरोध करने जा रहे हैं, वहां नियोजित परियोजना का पंजीकरण है। अन्यथा गलत जगह पर आंदोलन कर महाराष्ट्र को धोखा देने का प्रयास विफल हो जाएगा और उनका झूठ फिर से बेनकाब हो जाएगा।
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