महाराष्ट्र

PM मोदी को जन्मदिन की बधाई देकर किसान ने की खुदकुशी

Rani Sahu
19 Sep 2022 10:24 AM GMT
PM मोदी को जन्मदिन की बधाई देकर किसान ने की खुदकुशी
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पिंपरी: कर्ज (Loan) से त्रस्त एक और किसान (Farmer) ने जिंदगी से नाता तोड़कर मौत को गले लगा लिया है। बड़ी बात यह है कि इस किसान ने मरने से पहले जो सुसाइड नोट (Suicide Note) लिखा है उसमें अपनी तकलीफ के साथ सबसे आखिरी में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को (PM Narendra Modi) जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी हैं। पुणे जिले में पिंपरी-चिंचवड़ से सटे जुन्नर तालुका (Junnar Taluka) में यह घटना सामने आई है। दशरथ लक्ष्मण केदारी ऐसा मृत किसान का नाम है।
कृषि उपज को बाजार मूल्य नहीं मिल रहा, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार हैं। मोदी का खेती और किसानी पर कंट्रोल नहीं है। उसी में कर्ज वसूलने के लिए फाइनांस वाले धमका रहे हैं, पतसंस्था वाले गालीगलौज कर रहे हैं। इन सब से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात केदारी ने अपने सुसाइड नोट में कही है। इस नोट के आखिरी में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई भी दी है। वडगांव आनंद (जुन्नर तालुका) के रानमला में हुई इस घटना की रिपोर्ट आलेफाटा पुलिस स्टेशन में की गई है।
तहसीलदार ने किया किसान के आवास का दौरा
रविवार की रात आलेफाटा में ही पोस्टमार्टम के बाद उदापुर के बनकरफाटा में केदारी के पार्थिव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। रविवार को जुन्नर तहसीलदार रवींद्र सबनीस ने बनकरफाटा में आत्महत्या करने वाले किसान के आवास का दौरा किया। उन्होंने दशरथ केदारी की मां, पत्नी, बेटे, बेटी और अन्य रिश्तेदारों को सांत्वना दी और उन्हें सरकार से तत्काल मदद का आश्वासन दिया।इस दौरान किसान संघ के नेता लक्ष्मण शिंदे सहित कई कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार से चर्चा कर प्रभावित परिवार को अधिक से अधिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया।
पुलिस को मिला सुसाइड नोट
इस मामले में मिली अधिक जानकारी यह है कि दशरथ लक्ष्मण केदार एक छोटे कातकार वाले किसान थे। कर्ज में डूबे रहने और उपज का उचित दाम न मिलने के कारण उन्होंने खेत तालाब में कूद कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले उनके द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट पुलिस को मिला है। इसमें उन्होंने फाइनांस कंपनी और पतसंस्था द्वारा कर्ज वसूली के लिए की जा रही प्रताड़ना, अपमान से परेशान रहने की बात कही है। कृषि उपज का कोई बाजार मूल्य नहीं है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। मोदी का कृषि पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए वह अपने जीवन से थक चुके थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई भी दी है।
सोर्स- नवभारत.कॉम
Rani Sahu

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