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महाराष्ट्र
फर्जी हस्ताक्षर,स्टैंप, केईएम की महिला स्टाफ ने लगाया 61 लाख का चूना
Rani Sahu
14 Jan 2023 2:24 PM GMT
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मुंबई. केईएम अस्पताल (KEM Hospital) की एक महिला कर्मचारी ने मरीजों के पैसों से धोखाधड़ी कर 61 लाख रुपए चूना लगाया है. यह रकम संबंधित दवा उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं के एकाउंट में न भेजकर अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया। अस्पताल की महिला कर्मचारी सोनाली गायकवाड़ ने यह फर्जीवाड़ा (forgery) किया। महिला ने फर्जी हस्ताक्षर (fake signature) और स्टांप लगाकर 61 लाख रुपए की लूट की। इस घटना के प्रकाश में आने पर अस्पताल की ओर से महिला के खिलाफ भोईवाड़ा स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है.
प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के राहत कोष की अनुमानित राशि हड़पी बता दे कि केईएम अस्पताल में सस्ती दर पर यहाँ तक कुछ ईलाज मुफ्त में भी किए जाते है। मरीज की देखभाल और ऑपरेशन केईएम अस्पताल में आसानी से हो जाते है। जिसके चलते देश भर के मरीज ईलाज कराने केईएम अस्पताल में आते हैं. अस्पताल में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत ईलाज और ऑपरेशन किए जाते है। मरीजों के ईलाज और ऑपरेशन और दवा की लागत का अनुमान दिया जाता है. यदि रोगी खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है, तो उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अस्पताल से प्रासंगिक प्रमाण पत्र प्रदान करके प्रधान मंत्री सहायता कोष, मुख्यमंत्री सहायता कोष और विभिन्न अन्य योजनाओं का लाभ उठाएं. इन योजनाओं लाभ का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पूरा करना होता है.
अस्पताल से मरीज को अनुमानित खर्च और सर्टिफिकेट लेना होता है. इसके लिए डीन और कई अधिकारियों के अनुमोदन की आवश्यकता होती है. अस्पताल समिति दवा विक्रेताओं के बिलों की जांच के बाद आवेदनों को मंजूरी देती है. स्वीकृति देते समय कई अधिकारियों के हस्ताक्षर होना अनिवार्य होता है. मरीजों के आवेदनों के अनुमोदन के बाद, राहत कोष के लिए केईएम अस्पताल के संस्थापक द्वारा रखे गए बैंक खाते में धनराशि जमा की जाती है. साइन करने के बाद वेंडर्स को बिल की राशि ऑनलाइन भेजने की जिम्मेदारी अस्पताल की महिमा स्टाफ सोनाली गायकवाड़ की थी. ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ 6 जनवरी को सहायक अधीक्षक ने देखा कि रोगी पुस्तिकाओं और बिल स्वीकृतियों पर हुए हस्ताक्षर जाली थे. सहायक अधीक्षक ने मामले की गहन जांच के लिए अन्य पदाधिकारियों से भी इन हस्ताक्षरों के बारे में पूछा. तो पता चला कि ये हस्ताक्षर फर्जी हैं. शुरुआत में गायकवाड़ ने अस्पष्ट जवाब दिए. लेकिन दबाव बढ़ते देख स्वीकार किया कि उन्होंने नकली हस्ताक्षर और नकली स्टाम्प का उपयोग कर बिलों को मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने इस मामले में गहन जांच के आदेश दिए। जिसमे यह खुलासा हुआ कि. सोनाली गायकवाड़ (Sonali Gaikwad) ने अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के बीच 61 लाख 65 हजार का गबन किया है. केईएम अस्पताल की ओर इस मामले में भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया।
Source : Hamara Mahanagar
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
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